शिक्षक-सरकार आमने-सामने, बोर्ड की कॉपियों की कैसे होगी जांच

पटना। बिहार बोर्ड की ओर से इंटर परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन 26 फरवरी से तथा मैट्रिक परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन पांच मार्च से होना है। नियोजित शिक्षकों की हड़ताल पहले से ही चल रही है। अब नियमित शिक्षक भी 25 फरवरी से हड़ताल पर जाने की तैयारी में है।
शिक्षकों को हड़ताल पर जाने से रोकने के लिए सरकार लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है, लेकिन शिक्षकों पर इस पर कोई असर नहीं दिख रहा है। शिक्षक और सरकार दोनों आमने-सामने हैं। माध्यमिक शिक्षक संघ के हड़ताल पर चले जाने से 40 हजार शिक्षक हड़ताल में शामिल होकर मूल्यांकन कार्यों का बहिष्कार करेंगे। इधर, हड़ताल पर जाने वाले शिक्षकों पर सरकार सख्ती दिखाते हुए एफआईआर व अन्य कार्रवाई करने का निर्देश दे चुकी है। बोर्ड की ओर से इंटर में विषयवार परीक्षा समाप्त होने के दूसरे दिन ही कॉपियों की बार कोडिंग कराई जा चुकी है। इस वर्ष लगभग एक करोड़ कॉपियों की बार कोडिंग हुई है।

रडार पर रहेंगे मूल्यांकन केंद्र

राज्य के विभिन्न जिलों में बनाएं गए मूल्यांकन केंद्रों की निगहबानी सीसीटीवी से कराई जाएगी। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही करने पर मूल्यांकन निदेशक जवाबदेह होंगे। मूल्यांकन की सूचना शिक्षकों को भेजने की भी कवायद शुरू हो चुकी है। मैट्रिक-इंटर परीक्षा में 50 अंकों के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का उत्तर ओएमआर शीट पर दी गई है। इसकी जांच कम्प्यूटर से की जानी है। 50 अंकों के सैद्धांतिक प्रश्नों की जांच शिक्षक कम्प्यूटर के माध्यम से ही करेंगे।

इंटर परीक्षा के मूल्यांकन का बहिष्कार करेंगे वित्तरहित शिक्षक

वित्तरहित अनुदानित शिक्षक-कर्मचारी संघर्ष मोर्चा ने 26 से होने वाली इंटर परीक्षा के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार करने की घोषणा की है। मोर्चा के अध्यक्ष मंडल सदस्य शंभू कुमार सिंह, रायश्रीपाल सिंह, वशिष्ठ नारायण सिंह आदि ने इस बाबत सर्कुलर जारी कर सभी शिक्षकों को सूचित कर दिया है।

मूल्यांकन में ली जाएगी सेवानिवृत्त शिक्षकों की सेवा

नियोजित एवं माध्यमिक शिक्षकों की हड़ताल को देखते हुए पहले से ही बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से मूल्यांकन को लेकर पुख्ता तैयारी की गई है। 26 फरवरी से आरंभ होने वाले इंटर के मूल्यांकन के लिए प्लस टू विद्यालय, कॉलेज, अंगीभूत कॉलेजोंं के सेवानिवृत्त शिक्षकों से सेवा लेने की छूट दी गई है। इसके अतिरिक्त अनुदानित कॉलेजों के शिक्षकों से भी मदद लेने की बात चल रही है।






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