3 अरब, 80 करोड में बनाना था पटना को स्मार्ट सिटी, अफसरों ने खर्च किया बस 75 करोड
चार साल में एक भी प्रोजेक्ट नहीं बना स्मार्ट
पटना का स्मार्ट सिटी में चयन हुए चार साल बीत चुका है। इस बीच पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड शहर को स्मार्ट बनाने के लिए कई प्रोजेक्ट ही बना रहा है। लेकिन चार साल में एक भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाया। हालांकि, स्मार्ट सिटी में चयन होने के बाद शहर को स्मार्ट बनाने के लिए चयन भी ऐसे क्षेत्र का किया गया जो पहले से डेवलप है। इसके बाद भी पटना में स्मार्ट सिटी का कोई प्रोजेक्ट चार साल में पूरा नहीं होना चिंताजनक है। वहीं स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सचिव संजय अग्रवाल का दावा है कि स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट पर जांच चल रही है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही इसपर कुछ कहा जा सकता है। अभी जनसेवा केंद्र का काम चल रहा है जो मार्च तक पूरा हो जाएगा।
बिहार सरकार की ओर से स्मार्ट सिटी के अफसरों को फटकार भी लगाई जा चुकी है। ये कहा गया कि जून तक अगर काम शुरू नहीं हुआ तो पैसा वापस लौट जाएगा। सरकार की ओर से पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड को 380 करोड़ रुपए खर्च करने के लिए भी दिए गए। लेकिन पटना स्मार्ट सिटी की ओर से सिर्फ 75 करोड़ रुपए ही खर्च हो सके हैं। ये पैसे ही ऐसे प्रोजेक्ट में फंसे है जो आधे-अधूरे ही तैयार हो पाए हैं, और पटना स्मार्ट सिटी के नाम पर शहर को मुंह चिढ़ा रहे है। स्मार्ट सिटी के कई प्रोजेक्ट पर विभाग की तलवार लटक रही है। किसी का टेंडर रद हो चुका है तो किसी पर अनियमितता की शिकायत की जांच की जा रही है। साथ ही स्मार्ट सिटी के एमडी और सचिव का बदल जाना भी प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दे रहा है।
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