सारण में शुरू हो गई विधान परिषद चुनाव की सियासत
राजू जयसवाल, छपरा ।
स्थानीय निकाय कोटे के तहत विधान परिषद् के सदस्य के लिए आगामी माह में होने वाले चुनाव को लेकर रस्सा कस्सी का राजनीतिक खेल शुरू हो गया है। संभावित प्रत्याशी अपने-अपने स्तर एवं संगठनात्मक दृष्टिकोण से जिले के 20 प्रखंडों के कुल 326 पंचायतों का दौरा इस भीषण गर्मी एवं तपती धूप के बीच कर रहे है और इस दौरा के क्रम में पंचायत प्रतिनिधियों के आसू जहां पोछ रहे है वहीं उन्हें सम्मानित भी कर रहे है। इस बार के इस चु
नाव में राजनीतिक दांव पेंच जो भी सामने हो यह एक अलग विषय हैं, मगर सबसे ज्यादा घमासान बिहार के सत्ताधारी दल जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के संभावित उम्मीदवारों के बीच है। जहां इस दल से जुड़े करीब करीब आधा दर्जन प्रत्याशी अपना भाग्य आजमाने को तैयार है। सबसे आश्चर्य विषय हैं कि वर्तमान विधान पार्षद एवं विधान परिषद् के उपसभापति सलीम परवेज को इस चुनावी अभियान में उनको दबाने के लिए विरोधी दलों के बजाय उनके ही दल से जुड़े उम्मीदवार एवं समर्थक किसी-न-किसी रूप में लगगए है। हालांकि श्री परवेज अपनी टिकट को सुनिश्चित मानकर पूरे क्षेत्र में दौरा कर पंचायत प्रतिनिधियों का मान सम्मान अवश्य कर रहे है, मगर इसके तहत कुछ पंचायत
प्रतिनिधियों का कहना हैं कि जब चुनाव का समय आया तब श्री परवेज को हमारी खोज होने लगी और मान सम्मान एवं अधिकार की बात कहने लगे, मगर पूरे अपने कार्यकाल के दौरान पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकारों एवं मान-सम्मान के प्रति खड़ा नहीं उतरे। यह एक अलग विषय हैं कि उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री एवं पार्टी अध्यक्ष सहित कई वरीय नेताओं का समर्थन प्राप्त है। वहीं दूसरी तरफ जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं अमनौर के विधायक कृष्ण कुमार उर्फ मंटू सिंह ने अपनी पत्नी सविता देवी को इस चुनाव में उतारने की तैयारी पूर्व से ही शुरू कर दी थी। परसा के प्रखंड प्रमुख के रूप में विधायक की पत्नी सविता देवी इस चुनाव के लिए अपने को सफल उम्मीदवार एवं पंचायत प्रतिनिधियों के जमात के बीच से आने का दावा कर रहीं है। उनका मानना हैं कि पंचायत प्रतिनिधि मेरे कार्यों एवं विधायक पति के कार्यों के बदौलत इस चुनाव में उनका भरपूर सहयोग करेगें। उधर जदयू-राजद की बनी महाविलय पार्टी के समर्थक के रूप में
माने जाने वाले जिला पार्षद अनिता देवी के पति एवं समाजसेवी ई. संजय कुमार अपनी सामाजिक एवं रचनात्मक कार्यों सहित पंचायत प्रतिनिधियों के बीच कई वर्षो तक सेवा करने के बल पर इस चुनाव में अन्य उम्मीदवारों की तुलना में सबसे ज्यादा सक्रिय है और पंचायत प्रतिनिधियों का अधिकांश झुकाव इनके तरफ बढ़ने लगा है। श्री कुमार ने दावा किया कि जिले के दस से बारह प्रखंडों के पंचायत प्रतिनिधियों का 90 प्रतिशत समर्थन हासिल है और शेष प्रखंडों के पंचायत प्रतिनिधियों का झुकाव चुनाव की घोषणा होते ही तेजी से बढ़ने लगेगा। जिला परिषद के उपाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद राय मानते हैं कि इस बार पंचायत प्रतिनिधियों के बीच से आने वाले ई. संजय राय अपनी जीत सुनिश्चित कर यह दशार्येगें कि इस चुनाव के लिए बाहरी उम्मीदवारों की आवश्यकता नहीं है। वहीं दूसरी तरफ भाजपा के तरफ से ई. सच्चिदानंद राय इस चुनाव की तैयारी में पूरी जूट गए है। भाजपा के जिलाध्यक्ष समेत अनेक कार्यकर्ता इस चुनाव में उनकी जीत सुनिश्चित कराने के लिए जी तोड़ प्रयास कर रहे है।
भाजपा का संकल्प हैं कि किसी तरह जदयू के कोटे के तहत आने वाले उम्मीदवार हार जाए। इस बीच जदयू के तरफ से जिला परिषद् की अध्यक्ष छोटी कुमारी के पति एवं जदयू नेता धर्मेन्द्र कुमार साह अपनी इस चुनावी गतिविधि बढ़ा दी है और अपने को एक सफल उम्मीदवार मान रहे है। क्योंकि त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों की कमिटी ने श्री साह की उम्मीदवारी पर अपनी मुहर लगा दी है और इसके तहत विभिन्न प्रखंडों एवं पंचायत स्तर पर कमिटी गठन होना शुरू कर दिया है। हालांकि श्री साह ने किसी भी परिस्थिति में चुनाव लड़ने का दावा करते हुए अपना निर्णय ले लिया है। इसके अलावा कई ऐसे उम्मीदवार हैं जो विभिन्न प्रखंडों में एक सम्मेलन आयोजित कर पंचायत प्रतिनिधियों का सम्मान कर रहे है और अपनी उपस्थिति दर्शा रहे है। इस चुनाव को लेकर जदयू के बीच भले ही घमासान छिड़ गई हो मगर इसका लाभ भाजपा उठा पाएगा कि नहीं यह कहना मुश्किल है। क्योंकि भाजपा के उम्मीदवार सही मायने में धरातल पर उतरेगें की नहीं यह कहा नहीं जा सकता, मगर इतना तय हैं कि अपने स्तर से पंचायत प्रतिनिधियों का झुकाव समय आने पर करने का प्रयास अवश्य करेगें।
भाजपा के कई नेताओं का मानना हैं कि इस चुनाव में भाजपा एवं राजद से जुड़े संभावित प्रत्याशी जदयू के प्रत्याशियों को अवश्य घेरने का प्रयास करेगें। क्योंकि विगत छ: वर्षो के दौरान पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार के साथ जिस तरह खेलवाड़ किया गया है वह भूले नहीं है। अब देखना यह हैं कि पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार एवं मान-सम्मान को लेकर कौन संभावित प्रत्याशी सही मायने में आगे आएगें यह भविष्य के गर्भ में छिपा है। फिलहाल, समाज सेवी ई. संजय राय अन्य संभावित उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा विभिन्न प्रखंडों का दौरा कर पंचायत प्रतिनिधियों के घर पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्शा रहे है। जिसका प्रतिफल यह हैं कि इनके कार्यो के अनुरूप अन्य उम्मीदवार व्यवसाई महेन्द्र सिंह भी इस भीषण एवं तपती धूप को दरकिनार करते हुए पंचायत प्रतिनिधियों के घरो के चैखट लांघने में लग गए है।
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