सरकारी विभागों ने विधायकों में बांटे, मोबाइल, टेबलेट और महंगी घड़िया
पटना। प्राकृतिक आपदाओं सहित अन्य समस्याओं से जूझ रहे बिहार में विभागों से विधायकों को मिले महंगे तोहफे जैसे मोबाईल फोन, टेबलेट और घड़ियां दी गई। मीडिया में आई खबरों के अनुसार प्रदेश के 19 विभागों ने बिहार विधानमंडल बजट सत्र के दौरान विधायकों और विधान पार्षदों के बीच महंगे तोहफे यथा मोबाईल फोन, टेबलेट और घडियां बांटे, जो कि गत 22 अप्रैल को समाप्त हुआ था। रिपोर्ट के अनुसार विधायकों और विधान पार्षदों के बीच बांटे गए उन तोहफों में पथ निर्माण विभाग द्वारा दिया गया दस हजार रुपए का सैमसंग मोबाईल फोन, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दिया गया टैबलेट, शिक्षा एवं पर्यटन विभाग द्वारा दी गई मंहगी घडियां, उद्योग विभाग द्वारा साडी और शर्ट के साथ जूट का बैग शामिल हैं।
बजट सत्र के दौरान कई अन्य विभागों द्वारा विधायकों और विधान पार्षदों के बीच मंहगे ट्राली बैग वितरित किए गए जिसे उन्हें खुशीपूर्वक खींचते हुए अपने-अपने वाहनों में रखते हुए देखा गया। प्राकृतिक आपदाओं सहित अन्य समस्याओं से जूझ प्रदेश के विधायकों और विधान पार्षदों को मंहगे तोहफे दिए जाने के बारे में जब मंत्रियों की टिप्पणी जानने का प्रयास किए जाने पर उन्होंने उसे पुरानी परंपरा बताया। बिहार के वित्त मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि यह पुरानी परंपरा है। ऐसा संसद में भी होता है।
जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी जहां इसे सामान्य प्रक्रिया बताया वहीं ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने दलील दी कि विधायक और विधान पार्षदों के तेजी से और बेहतर कुशलता के साथ अपने कामों को निपटाने के लिए उनके विभाग द्वारा टैबलेट दिया गया। इस बीच बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वे उन तोहफों को अपने कार्यकतार्ओं के बीच बांट देते हैं। राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि इस परंपरा में कुछ भी गलत नहीं है और वे उन तोहफों को अपने कार्यकतार्ओं के बीच बांट देते हैं।
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