बिहार की राजनीति में हाशिए पर गए नेता अब तलाशने लगे हैं जमीन, जानिए वे हैं कौन कौन
लोकसभा चुनाव 2019:
पटना. राज्य की राजनीति में हाशिए पर चले गये कई नेता चुनाव में अपनी जमीन तलाश रहे हैं। कुछ नेताओं ने अपना अलग दल तो बना लिया है, लेकिन चुनावी वैतरणी पार करने के लिए उन्हें सहारे की जरूरत है। लिहाजा इसमें कुछ दूसरे दलों में तो कुछ दूसरे गठबंधन में भी अपनी जमीन तलाशने में जुटे हैं। ऐसे अधिसंख्य नेता महागठबंधन में भी अपनी जुगत भिड़ाने में लगे हैं।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद यादव ने जदयू से अलग होने के बाद लोकतांत्रिक जनता दल बनाया है। उनके साथ उदय नारायण चौधरी, अर्जुन राय व रमई राम भी हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव में ये नेता महागठबंधन से सीटें चाहते हैं। एनडीए से अलग होने के बाद जहानाबाद के सांसद अरुण कुमार की भी यही स्थिति है। रालोसपा छोड़ने के बाद भी शुरू में वह एनडीए से एक सीट लेने में लगे रहे, लेकिन अब उनका मोह भंग हो चुका है। वह कांग्रेस के रास्ते महागठबंधन से जुड़ने के प्रयास में हैं।
उपेन्द्र कुशवाहा को मुख्यमंत्री बनाने के लिए गांधी मैदान में कार्यकर्ताओं को एक पैर पर खड़ा कराकर शपथ दिलाने वाले नागमणि ने भी अपने लिए टिकट की जुगाड़ में रालोसपा छोड़ दी है। अब वह उपेन्द्र कुशवाहा के खिलाफ ही चुनाव लड़ने का ऐलान कर रहे हैं। पूर्व मंत्री श्रीभगवान सिंह ने तो रालोसपा छोड़ जदयू का दामन थाम लिया है। डॉ. महाचन्द्र सिंह भी चुनाव लड़ना चाहते हैं। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) से उन्हें उम्मीद कम है। लिहाजा वह भी अन्य जगह जमीन तलाश रहे हैं। पूर्व मंत्री नरेन्द्र सिंह, वृशिण ने भी इसी चाहत में हम से नाता तोड़ लिया है।
उधर, एनडीए के भी कुछ नेता इधर-उधर झांक रहे हैं। ऐसे में अधिसंख्य लोजपा के नेता हैं। राम किशोर सिंह अपने लिए कहीं दूसरी जगह जमीन तलाश रहे हैं। वह एनडीए के साथ महागठबंधन में भी प्रयास कर रहे हैं। लोजपा सांसद चौधरी महबूब अली कैसर अपनी सीट को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। पहले तो उन्होंने महागठबंधन की वकालत की थी, लेकिन अब वह परिस्थिति को भांपने में लगे हैं। ललन पासवान लोजपा का अलग गुट चला रहे हैं। लेकिन उनकी नजर सासाराम लोकसभा सीट पर है। वह सासाराम सीट के लिए जदयू और भाजपा दोनों के शीर्ष नेताओं से बात कर रहे हैं। (With thank from
livehindustan.com)
Comments are Closed