कर्पूरी ठाकुर ने जगाई थी पिछडे वर्ग में राजनीतिक चेतना
हथुआ/गोपालगंज/सिवान. बिहार में पहली बार पिछडे वर्ग की आरक्षण की घोषणा 40 वर्ष पूर्व 11 नवंबर 1977 को तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने की थी. इसको लेकर दलित पिछडा वर्ग जनजागरण संघ ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को याद किया. इस मौके पर संघ के संयोजक संजय कुमार ने कहा कि भारत में समाजवादी आंदोलन के एक बड़े नेता, बिहार में अपने जीवन काल में पिछड़ा वर्ग के सबसे बड़े नेता और सूबे के दो बार मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर की बीते एक दशक में बिहार की राजनीति में प्रासंगिकता बढ़ गई है.
11 नवंबर 1978 को उन्होंने महिलाओं के लिए तीन फीसदी (इसमें सभी जातियों की महिलाएं शामिल थीं), ग़रीब सवर्णों के लिए तीन फीसदी और पिछडों के लिए 20 फीसदी यानी कुल 26 फीसदी आरक्षण की घोषणा की. इसके लिए ऊंचे तबकों ने एक बड़े वर्ग ने भले ही कर्पूरी ठाकुर को कोसा हो, लेकिन वंचितों ने उन्हें सर माथे बिठाया. इस हद तक कि 1984 के एक अपवाद को छोड़ दें तो वे कभी चुनाव नहीं हारे.
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