सुहागरात की अफवाहों में न करें गलतियां
टाइम्स न्यूज नेटवर्क
सुहागरात आपकी शादीशुदा जिंदगी का पहला साथ है। इसे भरपूर जिएं, लेकिन डरना जरूरी नहीं है। सुहागरात आपकी शादीशुदा जिंदगी का पहला साथ है। इसे भरपूर जिएं, लेकिन डरना जरूरी नहीं है। सुहागरात एक ऐसा शब्द है जिसके बारे में सोचना आप उस उम्र से ही शुरू कर देते हैं जिस उम्र में इन बातों के लिए पहले-पहल आपकी कच्ची समझ पकने लगती है। ऐसा नहीं कि सुहागरात के बारे में आने वाला हर ख़्याल आपको गुदगुदाता ही हो। कई बार, बल्कि ज्यादातर, इसका एहसास लोगों को डराता है। लड़के अलग डर से डरते हैं, और लड़कियां किसी और किस्म की फिक्र में पड़ी रहती हैं। हमारी सलाह यह है कि सुहागरात के दरवाजे पर दस्तक देते वक़्त आपकी तैयारी हर हाल में पूरी होनी चाहिए। यकीनन इन तैयारियों के लिए खुद को दिमागी तौर पर तैयार करना भी बेहद जरूरी है।
शादी अगर आपकी मर्ज़ी से न होकर पारंपरिक शैली में, यानी अरेंज्ड् तरीके से होती है तो चिंताएं अपने-आप बेहद बड़ी सी लगने लगती हैं। कई गलतफहमियां, भ्रांतियां, अंधविश्वास तो अपनी जगह हैं ही, एक परेशानी जो असल में सबसे गंभीर है वह है सुनी-सुनाई बातों और सलाहों का दौर। लोग आपको कभी आपको खुद के अनुभवों के आधार पर डराएंगे, तो कभी अपने आधे-अधूरे नीम हकीम ज्ञान के सहारे आपके सुहागरात की नैया पार कराने के नुस्खे थमाएंगे। अरेंज्ड् शादी में क्योंकि परिवार की शिरकत और भूमिका बहुत ज्यादा होती है इसलिए स्वाभाविक तौर पर उम्मीदें भी उसी अनुपात में होती हैं। अब इसे इन्हीं उम्मीदों का दिमागी असर कह लें, लेकिन सच यही है कि सुहागरात से जुड़ी अफवाहें लोगों को कई-कई रात जगा कर रखती हैं। आपकी सुविधा के लिए हम आज आपके लिए एक ऐसी लिस्ट लेकर आए हैं जो सुहागरात से जुड़ी आपकी दिमागी और जिÞस्मानी परेशानी को बहुत कम कर देगी-
पूर्ण संतुष्टि के सपने मत देखिए
शादी एक दिन के लिए नहीं करने जा रहे हैं आप। आप दोनों शादी की कई दर्जन रस्मों के बाद बेहद थक जाएंगे। बेहतर होगा कि आप एक-दूसरे को कम-से-कम एक दिन का वक़्त दें और सुहागरात का मौका एक-दूसरे को जानने में बिताएं। अगर आप दोनों इसी मौके पर पूर्ण संतुष्टि हासिल कर लेते हैं तो यकीनन बहुत अच्छा होगा, लेकिन अगर ऐसा नहीं हो सके तो झेंपने की कोई जरूरत नहीं है। आपके आगे पूरी जिÞंदगी पड़ी है। सेक्स के नुस्खे हमें विरासत में नहीं मिलते। यह एक ऐसी समझ है जो खुद बनती है। आप समय के साथ बेहतर होते जाते हैं।
एक-दूसरे पर दबाव न बनाएं
सुहागरात के दिन ही आॅर्गेज्म की इच्छा करना एक-दूसरे पर बेमतलब दबाव बनाना है। यह दबाव लंबे समय तक आपके रिश्ते को अपने चंगुल में दबोचे रहेगा। आॅर्गेज्म एक-दो दिन में नहीं हासिल होता। एक-दूसरे के लिए प्यार महसूस करने और एक-दूसरे के लिए समझ बनने के बाद आप अपने पार्टनर के जितना करीब आते जाते हैं, उतना ही आपके आॅर्गेज्म का एहसास बेहतर होता जाता है। बिस्तर पर एक-दूसरे के पूरक बनने की कोशिश करनी चाहिए। अपने पार्टनर के मूड की समझ आपको उसके शरीर और मन दोनों के और भी करीब ले जाएगी।
बिस्तर पर झूठा दिखावा न करें
एक साथ प्यार से जीवन बिताने के लिए एक-दूसरे के साथ ईमानदारी जरूरी है। ईमानदारी बिस्तर भी उतनी ही अहम है, जितनी अहम जिंदगी के किसी भी और मौके पर है। आर्गेज्म हासिल कर लेने का झूठा दिखावा न केवल आपके पार्टनर, बल्कि आपके खुद की संतुष्टि पर भी असर दिखाएगा। झूठ से बेहतर होगा कि आप अपने पार्टनर से अपनी जिज्ञासओं, इच्छाओं और मूड के विषय में ईमानदारी से बात करें। उसकी भी सुनें। इसका असर यह होगा कि अगली बार से आॅर्गेज्म का दिखावा करने की नौबत ही नहीं आएगी। आप एक-दूसरे को इतना समझ चुके होंगे कि खुद-ब-खुद भरपूर संतुष्टि महसूस करेंगे।
सेक्स से जुड़ी बातें करना जरूरी नहीं
सुहागरात आप दोनों के एकांत का पहला अध्ययाय है। ऐसी कई रातें आनी बांकि हैं। जरूरी नहीं कि आप सेक्स से जुड़ी बातें करें। एक-दूसरे को समझने और खुलने की कोशिश कीजिए। जरूरी है कि आप दोनों के बीच के अजनबीपन की झिझक दूर हो जाए और पति-पत्नी के बेहद निजी-सुलझे हुए साथ का सफर शुरू हो। अगर आप सेक्स की बातें सुहागरात पर नहीं करते तो इसका यह मतलब कतई नहीं है कि आपकी आने वाली शारीरिक नजदीकी और सेक्स में किसी किस्म की कमी रह जाएगी। एक-दूसरे के साथ का लुत्फ उठाने की कोशिश कीजिए। याद रखिए, सेक्स आपके आने वाली पूरी जिंदगी का हिस्सा है लेकिन सुहागरात एक बार ही आती है। इस दिन को हमेशा-हमेशा के लिए यादगार बनाने के लिए जरूरी है कि आपके पास इस दिन से जुड़ी कई खूबसूरत यादें हों।
कोई भी कर सकता है पहल
आमतौर पर लोगों का मानना है कि पहल पुरुष को ही करनी चाहिए। इस प्रचलित सोच का असर यह होता है कि पुरुष पर बेमतलब का दबाव बन जाता है। याद रखिए, आगे की पूरी जिंदगी आप दोनों को साथ बितानी है। किसी भी तरह की हिचक या बनावटीपन के लिए आपके रिश्ते में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। दोनों में जिसे भी प्यार और नजदीकी का एहसास पहले हो, पहल उसी को करनी चाहिए। आपका एहसास आपके पार्टनर को न केवल आपकी भावनाओं का, बल्कि आपकी ईमानदारी का भी यकीन दिलाएगा। यह यकीन आने वाली आपकी पूरी जिंदगी को भीनी-भीनी खुशबू से भर सकता है। (एनवीटी से)
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