हाईकोर्ट तक जा सकता है हथुवा बाजार का विवाद

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बिहार कथा. हथुवा, गोपालगंज।
हथुआ के स्थानीय बाजार के व्यवसायियों से ठेकेदार द्वारा कौड़ी वसूलने को लेकर  शुरु हुआ विवाद भले ही कुछ दिनों के लिए शांत हो गया हो, लेकिन अंदरखाने की हकीकत यह है कि यह विवाद अंदर ही अंदर जटील होता जा रहा है। विवाद हाईकोर्ट तक पहुंच सकता है। फिलहाल बाजार में सैरात की जमीन की नापी अंचल पदाधिकारी दिव्यराज गणेश की देखरेख में हो रही है। अब तक नापी में अनेक दुकानदारों की जमीन सैरात में आने की बात कही जा रही है। इस बाबत अंचल पदाधिकारी का कहना है कि नापी के बाद अवैध निर्माण वाले दुकानदारों को नोटिस दी जाएगी।  वहीं हथुवा बाजार में व्यवसायियों का कहना है कि विवाद बाजार में बाहर से आने वाले समान पर आयात शुल्क वसूली को लेकर था। लेकिन बीच में सेरात की जमीन पर अवैध कब्जा का नया पेंच आ गया। फिलहाल दुकानदार देखो और इंतजार करो की नीति अपनाए हुए हैं। हथुवा पंचायत के उप मुखिया और बाजार के दुकानदार निरज कुमार व व्यवसायी बिनोद कुमार कहते हैं कि जो भी हो अब बाजार में बाहर से आने वाल सामान पर आयात शुल्क नहीं दिया जाएगा। इससे समान महंगा हो जाता है और ग्राहकों पर महंगाई की मार पड़ती है। जरूरत पड़ी तो इस बात को लेकर कोर्ट भी जाएंगे। कुछ अन्य व्यवसायियों ने बताया कि यदि सैरात की जमीन का मुद्दा उठता है तो इसे बिहार सरकार बनाम हथुवा के किराना व्यवसायी निपटेंगे। इसमें बाजार के ठेकेदार को क्या मतलब है? वही बाजार के ठेकेदार बिजन राय का कहना है कि फिलहाल दुकानदारों से कौड़ी वसूलना रूका हुआ है। सरकारी रिपोर्ट का इंतजार है। कुछ जरूरी कागजातों के नकल निकाल रहे हैं और जरूरत पड़ी तो
इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट तक जाएंगे। बिजन राय का दावा है कि कई दुकानदारों का खतियान है, लेकिन उनके खतियान में भी सैरात उल्लेखित है। उनका कहना है कि स्वयं सरकार ने बाजार में आने वाले प्रति ट्रक पचास रुपए वसूलने का शुल्क निर्धारित कर रखा है। यह शुल्क कई साल से बढ़ा नहीं है। बाजार में ट्रक से कम समानों की आवक होती है। लेकिन छोड़ी गाड़ियों को इसी शुल्क के अनुपात में शुल्क की वसूली होती है। वहीं दुकानदारों का कहना है कि आयात शुल्क की वसूली में काफी मनमानी होती है, अब यह नहीं सहन किया जाएगा। प्रति बोरा तीन से चार रुपए की वसूली होती है। श्री राय का कहना है कि बाजार की लीज अक्टूबर, 1994 में पूरा कर हो चुका है। इसे बढ़ाया भी नहीं गया है। बाजार का पूरा क्षेत्र सैरात का है।
वहीं दुकानदारों का कहना है कि इस तरह की मनमानी अन्य बाजारों में नहीं है, वरीय अधिकारियों द्वारा 2006 में कृषि संबंधित वस्तुओं पर शुल्क समाप्त कर दिया था। इस पर बाजार के ठेकेदार बिजन राय का कहना है कि 2006 में बाजार समिति का शुल्क समाप्त हुआ था, जिसके तहत एक प्रतिशत की कौड़ी वसूली जाती थी और इसका ठेका एडीओ स्तर से होता था। लेकिन अबकी ठेका जिला समहर्ता कार्यालय से हुआ है। फिलहाल मीरंगज में इस तरह की कोई आयात शुल्क नहीं वसूला जा रहा है। इस विषय पर बिजन राय का कहना है कि मीरंगज में कौड़ी या आयात शुल्क की वसूली इस लिए नहीं हो रही है क्योंकि वहां की नीलामी न्यूनत दस लाख रुपए है। इसलिए किसी ने ठेका नहीं लिया।
ज्ञात हो कि इसी महीने की शुरुआत में आयात शुल्क वसूली के खिलाफ दुकानदारों ने जमकर कर हंगामा किया। आक्रोशित व्यवसायियों ने हथुआ थाने पर धरना-प्रदर्शन किया। इसके बाद आक्रोशित व्यवसायियों ने बाजार बंद करा कर हथुआ-मीरगंज मुख्य मार्ग पर टैक्सी स्टैंड के समीप टायर जला कर घंटों सड़क जाम किया। साथ ही ठेकेदार व स्थानीय प्रशासन के खिलाफ जम कर नारेबाजी की गयी। व्यवसायी विनोद कुमार, अजय कुमार, मनोज कुमार, जयप्रकाश साह, लव कुमार, नीरज कुमार, किशोर कुमार, शशि प्रताप साह, सुबोध साह, शंकर साह, व्रज किशोर, जय कुमार, अशोक, मोतीलाल साह, बबलू, रवि कुमार आदि दुकानदारों ने ठेकेदार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हथुआ बाजार के स्थायी दुकानदारों से बिहार सरकार के ठेकेदार जबरन आयात शुल्क वसूल रहे हैं। कई दुकानदारों ने बताया कि हर दिन करीब तीन से चार हजार रुपए इस तरह कौड़ी के नाम पर अवैध वसूली हुई। औसतन एक लाख रुपए करीब अवैध रुपए से दुकानों से वसूली की गई और प्रशासन को इसकी भनक भी नहीं लगी। सीवान, मीरगंज से खाद्य सामग्री ट्रक या ट्रॉली, वैन से आते हैं उस पर ठेकेदार द्वारा जबरन आयात शुल्क वसूला जाता है। फिलहाल बाजार में जमीन की नापी हो रही है। दुकानदारों का कहना है कि ठेकेदार अप्रत्यक्ष रूप से गुड़ों के दम पर जबरन कौड़ी वसूली की धमकी दे रहा है, तो वहीं ठेकेदार ने कौड़ी वसूली के लिए किसी भी तरह की धमकी देने की बात से इनकार किया है।
बिजन राय का अवैध कब्जा
हथुवा बाजार के कुछ दुकानदारों ने दबी जुबान में बताया कि स्वयं बाजार में ठेकेदार बिजन राय का अवैध कब्जा है। एक चिकहटी में और एक थाने के सामने जो भवन है, वह सरकारी जमीन पर बिजन राय ने अवैध कब्जा कर बनाया है। रसूख के कारण किसी ने विरोध नहीं किया और प्रशासन ने मौन साध लिया। इस संबंध में अंचल पदाधिकारी दिव्यराज गणेश ने बताया कि बाजार की नापी हो रही है, जिसका भी अवैध कब्जा होगा, उस पर निश्चित रूप से कार्रवाई होगी।
घूस के बाद निर्माण
हथुवा बाजार के व्यवसायियों ने बताया कि बाजार में जब भी किसी की दुकान का निर्माण या पुनर्निर्माण होता है तो अंचल पदाधिकारी और स्थानीय थाना के कर्मचारी आ धमकते हैं और कुछ रुपए लेने के बाद ही निर्माण कार्य करने देते हैं।






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