गोपालगंज के इस लाल को ट्रेन में हुआ था प्यार, आज फिल्म पहुंची ऑस्कर
.एक्टर पंकज त्रिपाठी आजकल चर्चा में हैं। इनकी फिल्म ‘न्यूटन’ को ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया गया है। पंकज भले ही आज चर्चा में हैं, लेकिन इसके पीछे उनकी वर्षों की मेहनत है। बिहार के गोपालगंज से पटना फिर मुंबई तक का सफर पंकज के लिए आसान न था। कई बार पंकज अपनी फोटो लेकर काम मांगने प्रोड्यूसर और डायरेक्टर के पास जाते और गार्ड उन्हें ऑफिस के अंदर नहीं जाने देता था। कई बार घंटों इंतजार किया, लेकिन काम न मिला। पंकज ने कहा कि फिल्म ‘न्यूटन’ के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर मेरे दोस्त हैं। दोनों ने मुझे बुलाया और कहा कि एक फिल्म पर काम कर रहे हैं। तुम आओ इसकी कहानी पढ़ो। मुझे फिल्म की कहानी पसंद आई और मैं काम करने के लिए तैयार हो गया। फिल्म की 98 फीसदी शूटिंग छत्तीसगढ़ के जंगलों में की गई है। यहां मोबाइल भी काम नहीं करता था। हमलोग सुबह जाते और शाम को लौट आते थे। नक्सल प्रभावित एरिया में शूटिंग के सवाल पर पंकज ने कहा कि सुरक्षा को लेकर लोकल पुलिस से बात हुई थी। पुलिस ने कहा था कि आप बिना सुरक्षाकर्मियों के जाएंगे तो सेफ रहेंगे। सुरक्षाकर्मी को देख नक्सली हमला कर सकते हैं। हमलोगों ने बिना किसी सुरक्षा के ही छत्तीसगढ़ के जगंलों में 40 दिनों तक शूटिंग की। इस दौरान आसपास के गांव वाले काफी सहयोग करते थे। सेट का जो भी काम होता था वह गांव के लोग ही करते थे। ऐसे में उनलोगों को भी रोजगार मिलता था। पंकज ने कहा कि कभी सोचा नहीं था कि मेरी फिल्म ऑस्कर में जाएगी। इस फिल्म की कहानी अच्छी थी, जिसके चलते लोगों का प्यार मिला।
गौरतलब है कि फिल्म में पंकज सेना के जवान की भूमिका में हैं। वह नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में चुनाव ड्यूटी में तैनात हैं। ऐसे में कई बार चुनाव ड्यूटी में तैनात अधिकारियों के साथ इनकी बहस भी हो जाती है।
नाटक में करते थे लड़की का रोल
पंकज ने कहा कि जब गांव में रहता था तो पिता जी कहते थे कि पढ़कर लिखकर तुम डॉक्टर बनना और पटना में काम करना, लेकिन मेरा मन पढ़ाई में कम लगता था। अगर मैं एक्टर नहीं बन पाता तो गांव पर ही अपना खेतीबाड़ी का काम देखता। गांव में जब भी सरस्वती पूजा के दौरान नाटक होता था तो मैं लड़की का रोल करता था। इस दौरान दोस्त कमेंट भी करते थे, लेकिन मैं इससे परेशान नहीं होता था।
गैंग्स ऑफ वासेपुर से आए चर्चा में
2007 में फिल्म ‘धर्म’ से पंकज की बॉलीवुड में एंट्री हुई थी। वह अब तक 40 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके हैं। पंकज ने कहा कि 60 से अधिक सीरियलों में कई किरदार कर चूका हूं। 2012 में फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ आई थी। यह फिल्म हिट हुई। इसके बाद मेरी एक अलग पहचान बन गई और कई फिल्मों के ऑफर मिलने लगे।
ट्रेन में हो गया था प्यार
फिल्मों में सीरियस दिखने वाले पंकज की प्रेम कहानी रोचक है। पंकज ने कहा कि पटना से कोलकाता जाते समय एक लड़की से मुलाकात हो गई थी। हमने बातें की और शादी करने का फैसला कर लिया। लव मैरिज करने की बात जब घरवालों को बताई को पिता काफी गुस्सा हो गए। मैंने मां और पिता को काफी समझाया कि फिल्म में काम करते हैं। ऐसे में अलग-अलग रोल करता रहता हूं तो शादी लव मैरिज क्यों नहीं कर सकता। मेरी जिद के बाद पिता और मां ने शादी की सहमति दे दी।
Related News
मणिपुर : शासन सरकार का, ऑर्डर अलगावादियों का
(नोट : यह ग्राउंड रिपोर्टिंग संजय स्वदेश ने 2009 में मणिपुर में इंफाल, ईस्ट इम्फालRead More
सत्यजीत राय की फिल्मों में स्त्रियां
सत्यजीत राय की फिल्मों में स्त्रियां सुलोचना वर्मा (फेसबुक से साभार) आज महान फिल्मकार सत्यजीतRead More
Comments are Closed