Wednesday, July 6th, 2022
विधान मंडल: बेटा-दामाद, साला-बहनोई और भावह-भैंसूर की मंडली
विधान मंडल: बेटा-दामाद, साला-बहनोई और भावह-भैंसूर की मंडली — वीरेंद्र यादव, वरिष्ठ संसदीय पत्रकार, पटना — birendrayadavnews.com बिहार विधान मंडल रिश्तों का पंडाल है, राजनीति का बाजार है और कुर्सी की दुकान है। राजनीति की अंतिम यात्रा का नाम ‘कुर्सी’ है। हर ईमानदार, बेईमान, ठेकेदार, बालू-छड़-दवा का दुकानदार की सद्गति और अंतिम यात्रा का पड़ाव है विधानमंडल। हर व्यक्ति सदन की यात्रा करना चाहता है। पहले लोग पैसा कमाकर दामाद खरीदना चाहते हैं और अब पैसे से सदन की सदस्यता खरीदना चाहते हैं। हम बाजार के फेर में पड़ने केRead More