Wednesday, June 22nd, 2022
गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र
गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र क्षीरसागर में स्थित त्रिकूट पर्वत पर लोहे, चांदी और सोने की तीन विशाल चोटियां थीं। उनके बीच विशाल जंगल में गजेंद्र हाथी अपनी असंख्य पत्नियों के साथ रहता था। एक बार गजेंद्र अपनी पत्नियों के साथ प्यास बुझाने के लिए एक तालाब पर पहुंचा। प्यास बुझाने के बाद गजेंद्र की जल-क्रीड़ा करने की इच्छा हुई। वह पत्नियों के साथ तालाब में क्रीडा करने लगा। दुर्भाग्यवश उसी समय एक अत्यंत विशालकाय ग्राह(मगरमच्छ) वहां पहुंचा। उसने गजेंद्र के दाएं पैर को अपने दाढ़ों में जकड़कर तालाब के भीतर खींचनाRead More
सीमाओं में बंधा भारतीय गणराज्य का प्रमुख राष्ट्रपति
संजीव चंदन यह बात सही है कि राष्ट्रपति के रूप में किसी भी अस्मिता से प्रतीकात्मक नियुक्तियों का उस अस्मिता के लोगों के जीवन पर कोई गुणात्मक असर नहीं होता। यह भी सही है कि सिख राष्ट्रपति के समय में सिखों का कत्लेआम हुआ। मुस्लिम राष्ट्रपति के समय में मुसलमानों का। महिला राष्ट्रपति भूत-प्रेत के चक्कर में दिखी तो दलित राष्ट्रपति के समय में दलित उत्पीड़न की घटनाएं नहीं थमीं। दरअसल राष्ट्रपति सीमाओं में बंधा भारतीय गणराज्य का प्रमुख होता है। के.आर.नारायणन अब तक बेहतरीन राष्ट्रपति बताये जाते हैं। वेRead More