Tuesday, November 16th, 2021
आर्थिक मजबूती से बढ़ेगा हिन्दी का साम्राज्य
डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल‘ भाषा और भारत के प्रतिनिधित्व के सिद्धांत में हिन्दी के योगदान को सदा से सम्मिलित किया जा रहा है और आगे भी किया जाएगा, किन्तु वर्तमान समय उस योगदान को बाजार अथवा पेट से जोड़ने का है। सनातन सत्य है कि विस्तार और विकास की पहली सीढ़ी व्यक्ति की क्षुधा पूर्ति से जुडी होती है, अनादि काल से चलते आ रहे इस क्रम में सफलता का प्रथम पायदान आर्थिक मजबूती से तय होता हैं। वर्तमान समय उपभोक्तावादी दृष्टि और बाजारमूलकता का है, ऐसे काल खंड में भूखे पेट भजन नहीं होय गोपालाRead More