पहली पीढ़ी के लोग मारे जाएंगे,दूसरी पीढ़ी के लोग जेल जाएंगे और तीसरी पीढ़ी के लोग राज करेंगे

बिहार लेनिन बाबू जगदेव प्रसाद जी को उनके शहादत दिवस पर नमन

चंद्र भूषण सिंह यादव

बिहार में एक क्रांतिपुंज ने जन्म लिया जिनसे सामन्तवादियों व मनुवादियो की रूहें कांपने लगी। शहर-शहर सभाओं में यह ललकार गूंजने लगी कि “दस का शासन नब्बे पर,नही चलेगा,नही चलेगा”,सौ में नब्बे शोषित हैं,नब्बे भाग हमारा है”,धन-धरती और राजपाट में नब्बे भाग हमारा है”। कांग्रेसी शासन हैरान हो गया,भिन्न-भिन्न निजी सवर्ण सेनाओं के कान खड़े हो गए।शोषित समाज एकजुट होने लगा।

बिहार में यह लगने लगा कि सामन्तवाद व सामन्तवाद की पोषक सत्ता उखड़ जाएगी फिर क्या साम,दाम, दण्ड, भेद की नीति अपनाने वाले मनुवादी एक जुट हो गए और कुर्था में एक प्रदर्शन के दौरान लक्ष्य कर पुलिस ने नेतृत्वकर्ता को ही गोली मार दी। भारतीय इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी आंदोलन-प्रदर्शन में पुलिस लक्ष्य कर गोली चलाई हो,यह शायद पहला और आखिरी सरकारी गोली कांड था जिसमे टारगेट कर नेतृत्वकर्ता को ही गोली मार दी गयी।

बिहार में उफान और तूफान ला चुके इस क्रांतिवीर/बिहार लेनिन बाबू जगदेव प्रसाद जी को सरकार,सामन्त व पुलिस की तिकड़ी ने 5 सितम्बर 1974 को एक झटके में शांत कर दिया।पूरा बिहार स्तब्ध था। गरीबों की चित्कार से बिहार सिसक उठा था।

जगदेव प्रसाद जी की क्रांतिकारिता और वैचारिक तीक्ष्णता को देखते हुए उन्हें बिहार लेनिन की उपाधि दी गयी।वे सामाजिक न्याय व धर्मनिरपेक्षता के प्रबल हिमायती के साथ-साथ धार्मिक पाखण्ड व देवी-देवता के शोषण वाले ब्राह्मणी कुटिलता के प्रबलतम विरोधी थे।अपने पिताजी के मरने के साथ ही जगदेव बाबू ने घर मे पड़े सभी देवी-देवताओं की भी अंत्येष्टि कर दी थी।

जगदेव बाबू एक साथ कई मोर्चों पर लड़ रहे थे।बुद्ध की धरती बिहार से मनुवाद को उखाड़ कर सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक, धार्मिक क्रांति की जमीन तैयार कर रहे जगदेव बाबू बिहार में जड़ बन चुके मनुवादियो के आंख की किरकिरी बन चुके थे क्योंकि वे जो जमात बना रहे थे उसे यह कह ट्रेंड कर रहे थे कि कुर्बानी के लिए तैयार रहना है क्योंकि मनुवादियो से लड़ने पर “पहली पीढ़ी के लोग मारे जाएंगे,दूसरी पीढ़ी के लोग जेल जाएंगे और तीसरी पीढ़ी के लोग राज करेंगे।

आज जगदेव बाबू की कही गयी यह बात बिहार में चरितार्थ दिख रही है कि पहली पीढ़ी अर्थात जगदेव बाबू मारे गए,

दूसरी पीढ़ी अर्थात लालू प्रसाद यादव जेल गए लेकिन इसके बाद जो पृष्ठभूमि है वह यही है कि तीसरी पीढ़ी के वंचित समाज के लोग जरूर राज करेंगे।

 

 






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