Monday, September 13th, 2021
सामाजिक समरसता का आईना था लालू यादव का पहला मंत्रिमंडल
सामाजिक समरसता का आईना था लालू यादव का पहला मंत्रिमंडल वीरेन्द्र यादव,पटना। पोलिटिकल कथा यात्रा-3 ——————- पोलिटिकल कथा यात्रा की तीसरी कड़ी में आज लालू यादव के पहले कार्यकाल के मंत्रियों की सूची प्रकाशित कर रहे हैं। इसका संकलन सामाजिक कार्यकर्ता और अध्येता अरुण नारायण ने किया है। इसमें मंत्रियों के नाम, जाति, क्षेत्र और विभाग को भी शामिल किया गया है। मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद विभागों में फेरबदल किया गया। संकलन में पूरी सावधानी बरती गयी है। फिर इसमें संशोधन या सुधार अपेक्षित हो तो जरूर अवगतRead More
धर्म की राजनीति नहीं करते मगर धार्मिक स्थलों पर खूब जाते हैं राहुल
धर्म की राजनीति नहीं करते मगर धार्मिक स्थलों पर खूब जाते हैं राहुल – – – – – – – – – – – – – – – #शकील_अख्तर विपक्ष का नेता कौन है इसे पहचानने का सबसे आसान तरीका है यह देखना कि सत्तापक्ष और उसके सहयोगी जैसे मीडिया किसका विरोध सबसे ज्यादा कर रहे हैं! क्या राहुल गांधी के अलावा विपक्ष का कोई और नेता ऐसा है जिस पर इतने हमले हुए हों? सरकार, पार्टी, मीडिया, व्हट्सएप ग्रुप सब रात दिन लगे रहते हैं। क्यों? क्योंकि एक,Read More
बीस साल बाद तालिबान और सौ साल बाद गांधी
बीस साल बाद तालिबान और सौ साल बाद गांधी अरुण कुमार त्रिपाठी इतिहास सीधे चलते चलते गोल गोल घूमने लगता है। बड़ी दिखने वाली ताकतें हारने लगती हैं और पराजित दिखने वाले समूह जीतने लगते हैं। जिन मूल्यों की स्थापना के लिए दुनिया कसमें खाती है वे मूल्य ध्वस्त होने लगते हैं और जिन्हें मिटाने के लिए संकल्प लिया जाता है वे विजयी होने लगते हैं। कुछ ऐसा ही अफगानिस्तान में बीस साल बाद तालिबान की वापसी के साथ भी हो रहा है। अमेरिका ने 9/11 के हमले के बादRead More
पिछड़े युवाओं के लिए प्रशिक्षण अभियान था छात्र आंदोलन
पिछड़े युवाओं के लिए प्रशिक्षण अभियान था छात्र आंदोलन पोलिटिकल कथा यात्रा -2 — वीरेंद्र यादव, वरिष्ठ संसदीय पत्रकार, पटना — बिहार की राजनीति में 1967, 1977 और 1989 का लोकसभा चुनाव मील का पत्थर साबित हुआ है। इन तीनों चुनाव की जड़ में था पिछड़ी जातियों में राजनीतिक चेतना का विकास और सत्ता लालसा। समाजवादी आंदोलन के कारण पिछड़ी जातियों में सत्ता लालसा और संघर्ष बढ़ता जा रहा था। बिहार में नक्सल आंदोलन का विस्तार भी इसी दौर में शुरू हुआ था। नक्सल और समाजवादी आंदोलन के कारण सामाजिकRead More
नीतीश के विजन में ऑफसरशाही का पलीता
प्रवीन बागी इसमें कोई दो राय नहीं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विजनरी व्यक्ति हैं। उनके कार्यकाल में बिहार में विकास के कई महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। लेकिन उनकी टीम का होमवर्क कमजोर है। इसके चलते पैसे तो खूब खर्च हो रहे हैं, पर उसका पूरा लाभ जनता को नहीं मिल रहा। स्थिति ताड़ से गिरे तो खजूर में अटके वाली हो जा रही है। पटना में दीघा से आर ब्लॉक तक बने अटल पथ को ही ले लीजिए। दिनभर में इससे 100 से अधिक गाड़ियां नहीं गुजरतीं। उसRead More