Friday, March 26th, 2021
‘उचितवक्ता’ के अनन्य संपादक दुर्गाप्रसाद मिश्र
‘उचितवक्ता’ के अनन्य संपादक दुर्गाप्रसाद मिश्र कृपाशंकर चौबे डॉ. श्रीरमण मिश्र के सौजन्य से मुझे उत्तर उन्नीसवीं शताब्दी के अत्यन्त तेजस्वी समाचार पत्र ‘उचितवक्ता’ की फाइल देखने और समाचार पत्र पढ़ने का सुयोग मिला। पं. दुर्गाप्रसाद मिश्र के संपादन में यह अखबार सात अगस्त 1880 को निकला था। इसका आदर्श वाक्य था, ‘हितं मनोहारि च दुर्लभं वचः ‘ यानी इस संसार में ऐसा व्यक्ति मिलना कठिन है, जो आपके हित के लिए भी बोले और उसकी वाणी में कठोरता भी न हो, अर्थात् हितकारी बात मधुरता के साथ प्रस्तुत करनेRead More