बिहार में जाली डिग्री वाले मास्टरों से जो नुकसान हुआ, उसके जिम्मेदार को क्या सजा मिलेगी ?
5,200 शिक्षकों की डिग्रियों की जांच में जुटी बिहार सरकार, फर्जी डिग्री मामले में 4,456 हो चुके हैं बर्खास्त
बिहार के सरकारी स्कूलों में पांच हजार से ज्यादा शिक्षक फर्जी डिग्री पर वेतन उठा रहे हैं. स्कूलों की पढ़ाई का हाल किसी से छिपा नहीं है. ये फर्जी डिग्री वाले शिक्षक निगरानी विभाग के निशाने पर हैं. ऐसे चार हजार से ज्यादा शिक्षक बर्खास्त हो चुके हैं. बाकी पर भी जल्द गाज गिरन वाली है. सवाल यह है कि ऐसे फर्जी शिक्षकों ने जिस तरह से बिहार के शिक्षा व्यवस्था का बेड़ा गर्क करने में जो थोड़ा बहुत योगदान दिया है, उसकी भरपाई कैसे होगी. इसके लिए जिम्मेदार कौन है! जिम्मेदारों को भी सजा मिलेगी क्या!!
पटना. प्रदेश के विद्यालयों में कार्यरत 5209 नियोजित शिक्षकों के शिक्षक प्रशिक्षण की डिग्रियों की जांच होगी। हाल में फिर निगरानी ब्यूरो ने संदिग्ध डिग्रियों के बारे में अपनी शंका से शिक्षा विभाग को अवगत कराया है। इसे गंभीरता से लेते हुए विभाग ने संबंधित शिक्षकों की डिग्रियों की जांच कराने का फैसला लेते हुए एक उपनिदेशक के नेतृत्व में जांच टीम गठित की है। फिलहाल पूरे मामले में विभाग के स्तर से यह सावधानी बरती जा रही है कि पहले संदिग्ध डिग्रियों का सत्यापन कराया जाए और फिर दोषी पाये जाने वाले शिक्षकों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने एवं सेवा मुक्त करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। बता दें कि निगरानी ब्यूरो 2015 से ही ऐसे फर्जी डिग्रीयों की जांच कर रही है। जांच के बाद फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे हजारों शिक्षक सेवा मुक्त भी किए गए हैं।
80 फीसद संदिग्ध डिग्रियां दूसरे प्रदेशों से
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि निगरानी ब्यृरो की जांच में संदिग्ध पायी गई डिग्रियों में से 80 फीसद डिग्री झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड एवं असम समेत अन्य प्रदेशों के निजी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की ओर से निर्गत किए गए हैं। निगरानी ब्यूरो की टीम नियोजित शिक्षकों के नियोजन संबंधी दस्तावेजों की जांच में कर रही है। अब विभाग के स्तर से संबंधित प्रदेश सरकारों को डिग्रियां भेजकर उसकी जांच कराने की कार्रवाई की जा रही है।
2015 से निगरानी ब्यूरो कर रहा जांच
वर्ष 2015 से निगरानी ब्यूरो द्वारा नियोजित शिक्षकों के नियुक्ति संबंधी दस्तावेजों की जांच की जा रही है। अब तक जांच के बाद 4456 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। जांच के क्रम में निगरानी ब्यूरो को विभिन्न जिलों में ऐसी डिग्रियों पर कार्यरत शिक्षकों के बारे में शिकायत मिली है जो बिना प्रशिक्षण ही पैसे के बल पर डिग्रियां हासिल कर नौकरी पा गए।
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