असली सन आफ मल्लाह कौन ?
Nirala Bidesia
खबर है कि महागंठबन्धन के प्रेस कांफ्रेंस से ही सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी बाहर निकल गए। निकलते हुए कहे कि उनके पीठ में छूरा मारा गया। संभव है कल को मुकेश फिर महागंठबन्धन में ही आ जाए। यह कोई आश्चर्यजनक बात नही होगी। संभव है एनडीए में आ जाए। संभव है अब दोनों में कोई भाव न दे। चुनाव के वक्त जब तक सियासी समीकरण दुरुस्त न हो जाए,कुछ भी हो सकता है। होते रहा है। मुकेश सहनी को तेजस्वी ने भाव नही दिया या एनडीए बहुत घास डालने को तैयार नही तो इसकी वजह भी है। मुकेश को सन ऑफ मल्लाह की उपाधि खुद से ली हुई उपाधि है। सभी दल जानते हैं कि अकेले दम पर मुकेश अधिक से अधिक एक सीट प्रभावित कर सकते हैं। किसी गंठबन्धन के साथ रहेंगे तो साथ मे कुछ इलाकों में घुमाकर कुछ संकेत दिए जा सकते हैं। मल्लाहों की सियासत पर एक बार लंबी रिपोर्ट करने गया था। कोई 15 दिन बिहार के अलग अलग इलाके में घूमा था। मल्लाह बहुल इलाके में। तब मुकेश का पदार्पण या लोकार्पण बिहार की राजनीति में नही हुआ था।मल्लाहों के समाज और सियासत को समझने का अनुभव चकित करनेवाला था। बिहार में करीब दो दर्जन जातियां हैं मल्लाह श्रेणी में। केवटिया, निषाद आदि मिलाकर। इन जातियों को जोड़कर जो समूह बनता है वह अकेले किसी एक जातीय समूह का सबसे बड़ा वोट बैंक बनता है बिहार में। यादवों से भी बड़ा। लेकिन कोई एक नायक,कोई एक नेता अब तक कायदे से इस जाति में खड़ा न हो सका,जो राज्यव्यापी इस जातीय समूह में अपील रखता हो। पुरखे नायक के रूप में जरूर जुब्बा साहनी को स्थापित करने की कोशिश हुई,जुब्बा साहनी में नायकत्व के वे तत्व भी हैं,जिसके जरिए वे पूरे बिहार में स्थापित हो जाएं,लेकिन ऐसा हो न सका। मुकेश सीधे चुनावी राजनीति के जरिए बिहार में मल्लाहों का नेता बनने में लगे हुए हैं। वह समय देकर बिहार में मल्लाहों के समाज से जुड़ नही सके हैं अब तक। उनके पास पैसे की कमी नहीं इसलिए जब बिहार आए तो मोटा विज्ञापन दिए,मिडियावाले सपना दिखाए कि राजा तुझे कौन रोक सकता राजा बनने से। मुकेश की सियासत के साथ जो जुड़े, वह भी उन्हें नेता बनाने से ज्यादा दूसरी वजहों से। वह जब आये सियासत में तो भी उनके साथ वही हुआ था,सुबह भाजपा,शाम को राजद। भटकते रहे थे। इसलिए मुकेश के साथ आज जो महागंठबन्धन में हुआ वह कोई आश्चर्यजनक नहीं। सभी पार्टियां जानती है कि अति पिछड़ों की कुछ महत्चपूर्ण जातियों में मल्लाह जरूर है। मल्लाह के वोट को साधना जरूरी है लेकिन उसे साधने के लिए मुकेश का साथ जरुरी शर्त की तरह नही अभी।
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