शादी का वादा कर सेक्स हमेशा रेप नहीं : हाई कोर्ट
नई दिल्ली 17 सितम्बर। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि शादी का वादा कर सेक्स करना रेप नहीं है अगर महिला लंबे समय तक अपनी मर्ज़ी से शारीरिक संबंध के लिए सहमत है. महीनों तक एक व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाने के बाद महिला ने व्यक्ति पर बलात्कार का केस किया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने बलात्कार के केस को ख़ारिज करते हुए कहा, “शादी के वादे को सेक्स के लिए लालच नहीं क़रार दिया जा सकता है अगर यह लंबे और अनिश्चितकालीन समय तक चलता रहे.” जस्टिस विभु बाखरू ने कहा कि शादी का झूठा वादा कर शारीरिक संबंध बनाने को लालच कहा जा सकता है अगर पीड़िता किसी एक क्षण के लिए इसका शिकार होती है. उन्होंने कहा, “कुछ मामलों में शादी का वादा शारीरिक संबंध बनाने का लालच हो सकता है. हालांकि लालच देने वाला अपनी बात पर क़ायम रहने की इच्छा नहीं रखता है. इस तरह की लालच देने से किसी एक पल में हो सकता है कि सहमति मिल जाए जबकि दूसरी पार्टी (महिला) सेक्स के लिए मना करना चाहती हो. अदालत ने कहा कि महिला को सेक्स के लिए तैयार करने की नीयत से शादी का झूठा वादा करना महिला की सहमति का दुरुपयोग है और सिर्फ़ वो मामले भारतीय पीनल कोड के सेक्शन 375 के तहत रेप के अंतर्गत आते हैं. अदालत ने आगे कहा कि अगर इस तरह के क़रीबी संबंध लंबे समय तक रहे हैं जिनमें शारीरिक संबंध भी शामिल हैं तो यह नहीं माना जा सकता है कि इसमें महिला की मर्ज़ी और प्यार शामिल नहीं था और केवल शादी का झूठा वादा कर महिला को सेक्स के लिए तैयार किया गया था. जस्टिस बाखरू ने ट्रायल कोर्ट के फ़ैसले को सही ठहराया जिसने व्यक्ति को रेप के चार्ज से बरी कर दिया था.
Related News
जन सुराज अगर दल बनता है तो जिसकी जितनी संख्या है उसको उतना मालिकाना हक मिलेगा : प्रशांत किशोर
जन सुराज ने आयोजित किया जननायक कर्पूरी ठाकुर का जन्म शताब्दी समारोह वैशाली में बोलेRead More
‘बिहार के गांवों में बिजली तो पहुंच गई है, लेकिन लोग बिजली के गलत और बढ़े हुए बिल से परेशान ‘
बिहार के गांवों में बिजली तो पहुंच गई है, लेकिन लोग बिजली के गलत औरRead More
Comments are Closed