गोपालगंज के भोरे आए तेजस्वी यादव ने अपने फेसबुक पर लिखी यह पोस्ट
Tejashwi Yadav
आज गोपालगंज के भोरे पहुँचा। एक वर्ष बाद भी गोपालगंज के युवा व्यवसायी रामाश्रय सिंह कुशवाहा के हत्यारों की गिरफ़्तारी नहीं हुई है इसलिए उनकी धर्मपत्नी सुनीता कुशवाहा आमरण अनशन पर बैठी थी। पाँच दिनों के अनशन से उनकी हालात बिगड़ने लगी थी।
रामाश्रय सिंह की हत्या नीतीश कुमार के चहेते लोगों ने किया है। नीतीश कुमार के प्यारे-दुलारे और सबसे न्यारे आतंकी विधायक की बदौलत गोपालगंज आतंक का गढ़ बन चुका है। गोपालगंज का बच्चा-बच्चा जानता है कि वहाँ हर हत्याकांड को किसने अंजाम दिया, उसके बावजूद सरकार अपने विधायक को बचा रही है।
प्रदेश में आज लॉ एंड आर्डर पूरी तरह से खत्म हो चुका है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अनेक बहनों का सुहाग छिनने वाले अपने चहेते विधायक को बचाने के लिए सारी लोक मर्यादा को ताक पर रखकर उसे खुल्लम-खुला बचा रहे हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बयान देते हैं कि वह न किसी को फंसाते हैं और न ही बचाते हैं लेकिन हकीकत यह है कि अमरेंद्र पांडे जैसे आतंकियों द्वारा लोगों को मारने का सारा दिशा निर्देश मुख्यमंत्री के यहां से ही मिलता है। अगर नहीं मिलता तो 50 से अधिक मामलों का दोषी गुंडा कैसे खुला घुम रहा है।
रामाश्रय सिंह कुशवाहा हत्याकांड में लिप्त जदयू के आतंकी विधायक के गुर्गों की अभी तक गिरफ़्तारी क्यों नहीं हुई है? जदयू के ज़िलाध्यक्ष और विधायकों ने मुख्यमंत्री को हत्यारों को बचाने के लिए पत्र लिखा। क्या यही कारण है कि अभी तक हत्यारे फ़रार है और सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद वेतन भी उठा रहे है। क्या मुख्यमंत्री ने अपने विधायक के लिखे पत्र पर कारवाई कर हत्यारों को बचाया? माननीय मुख्यमंत्री जी इस पर जवाब दें।
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