Sunday, June 14th, 2020
बिहारी इस तरह मरा नहीं करते सुशांत, तुमने गुमान तोड़ दिया
From : सोशल मीडिया सुशांत, जीवनभर सँघर्ष की भट्टी में तपकर बनता है कोई बिहारी. आखिरी सांस तक हार नहीं मानकर बनता है कोई बिहारी. कोई बिहारी इसलिए बिहारी नहीं है कि वो बिहार से है, कोई बिहारी इसलिए बिहारी है कि वो ढीठ है. ऐसा नहीं है “ऐ बिहारी बावले लौंडे, ऐ बिहारी तेरी माँ की” सुनकर उसका खून नहीं खौलता लेकिन वो अनसुना करता है. मुस्कुरा देता है. पैदा होने से लेकर आजतक उसने ऐसी विपरीत परिस्थितियों में खुद को संभाला है कि इन सब बातों को वोRead More