युवा दिवस पर एक और कथा

युवा दिवस पर एक और कथा

पुष्यमित्र
छह साल पहले 2014 बिहार स्टाफ सेलेक्शन कमिटी ने एक वेकेंसी निकाली थी, 13120 पदों की। इन पदों के लिये न्यूनतम योग्यता इंटरमीडिएट थी। इन पदों के लिये 18 लाख से अधिक युवाओं ने आवेदन किया। आवेदन लेने के बाद सरकार भूल गयी। फिर पता नहीं कैसे याद आया या दिलाया गया। 8, 9 और 10 दिसम्बर, 2018 को इन आवेदनों के आधार पर परीक्षा आयोजित की गई। रिजल्ट आज तक नहीं आया है। इस बीच सिर्फ खबरें आती हैं कि रिजल्ट आज आएगा, कल आएगा। इस बीच नीतीश जी दुबारा सीएम बन चुके हैं।

अब इस क्रोनोलॉजी को समझिये। 2014 के अगले साल चुनाव होने वाले थे, इसलिये वेकेंसी निकाली गई। यह फिर चुनावी साल है इसलिये फिर से 11 हजार पदों पर आज परीक्षा हो रही है। इस बीच छह साल पहले निकली वेकेंसी पर नियुक्ति नहीं हो पाई है। सरकार बिना स्टाफ के काम चला रही है। आज को कॉन्स्टेबल के पदों के लिये परीक्षा हो रही है उसका रिजल्ट कब आएगा नियुक्ति कब होगी, अंदाजा लगाते रहिये। हां, युवा दिवस की बधाई देते रहिये।






Related News

  • क्या बिना शारीरिक दण्ड के शिक्षा संभव नहीं भारत में!
  • मधु जी को जैसा देखा जाना
  • भाजपा में क्यों नहीं है इकोसिस्टम!
  • क्राइम कन्ट्रोल का बिहार मॉडल !
  • चैत्र शुक्ल नवरात्रि के बारे में जानिए ये बातें
  • ऊधो मोहि ब्रज बिसरत नाही
  • कन्यादान को लेकर बहुत संवेदनशील समाज औऱ साधु !
  • स्वरा भास्कर की शादी के बहाने समझे समाज की मानसिकता
  • Comments are Closed

    Share
    Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com