हो गया पाप का हिसाब, इसी महीने मिलेगी बहशी हवसी को सजा
मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड: बच्चियों ने जो बयां किया था दर्द, सुनकर रो पड़े थे लोग
पटना. मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड (Muzaffarpur Shelter Home Case) मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर के साथ ही 19 आरोपियों को इस मामले में दोषी करार दिया है। कोर्ट में 28 जनवरी को इन सभी दोषियों की सजा पर बहस होगी। ब्रजेश ठाकुर को बलात्करा और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के प्रावधानों के तहत दोषी पाया गया है।
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन उत्पीड़न मामले में करीब सात महीने की नियमित सुनवाई के बाद दिल्ली की साकेत कोर्ट (Saket Court) ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज ब्रजेश ठाकुर सहित 19 आरोपियों को दोषी करार दिया है। इससे पहले दोषियों को सजा सुनाने के लिए पहले 14 नंवबर, 12 दिसंबर 2019 व 14 जनवरी 2010 को फैसले की तारीख तय की गई थी, लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से फैसला टलता गया था।
ज्ञात हो कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 29 बच्चियों के साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले में 20 में से 19 आरोपियों को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने दोषी करार दिया है औऱ वहीं एक आरोपी को बरी कर दिया गया हा। इस सनसनीखेज घटना के खुलासे के बाद बिहार सहित पूरे देश में यह वारदात सुर्खियों में रहा था। लड़कियों के साथ हुई हैवानियत को सुनकर लोगों की आंखों से आंसू निकल पड़े थे।
ब्रजेश ठाकुर के मुजफ्फरपुर स्थित अल्पावास गृह में बच्चियों को मानसिक और शारीरिक यातनाएं दी जाती थीं। लड़कियों ने जो बताया है यह सुनकर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। सात साल की बच्ची तक को दरिंदों ने नहीं छोड़ा था। अपने साथ हुई हैवानियत की घटना के बाद वह बच्ची बोल नहीं पा रही थी।
घटना के खुलासे के बाद पटना के पीएमसीएच में लड़कियों की मेडिकल जांच कराई गई थी जिसमें सामने आया कि उनके साथ दुष्कर्म और मारपीट हुई थी। जांच में यह भी सामने आया था कि नशे का इंजेक्शन देकर आरोपी बच्चियों के साथ दुष्कर्म किया करते थे। कई लड़कियों के शरीर पर जले के निशान भी मिले थे। इसी अल्पावास गृह की ही एक लड़की ने आरोप लगाया था कि उनकी एक साथी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी और उसे परिसर में दफन कर दिया गया था। जिसके बाद परिसर की खोदाई की गई लेकिन एेसे कोई सबूत नहीं मिले।
टिस की रिपोर्ट में सामने आया था घिनौना सच
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, (TISS) की सोशल ऑडिट टीम ने इस शेल्टर होम की लड़कियों से बातचीत की जिसके बाद इस घिनौनी घटना का सच सबके सामने आया। लड़कियों ने जो आपबीती सुनाई उस रिपोर्ट पर पुलिस हरकत में आई और शेल्टर होम की जांच की गई और सबूत मिलते ही आरोपियों की धर-पकड़ शुरू हो गई थी।
मुजफ्फरपुर की घटना ने प्रशासनिक मशीनरी के साथ-साथ राजनीतिक हलकों में भी तूफान ला दिया था इसमें कई सफेदपोशों के भी नाम उजागर हुए थे। यहां रह रही कुछ लड़कियों ने बताया है कि बाहरी लोग भी बालिका गृह में आते थे और उनके साथ जोर-जबर्दस्ती करते थे। उन्हें बालिका गृह के बाहर भी ले जाया जाता था। कुछ लड़कियों ने बताया कि मूंछ वाले अंकल और पेट वाले अंकल आते थे और हमारे साथ गंदा काम करते थे।
एसएसपी ने भी कहा था- बालिका गृह की आधे से ज्यादा बच्चियों के साथ दुष्कर्म
तत्कालीन मुजफ्फरपुर की एसएसपी हरप्रीत कौर ने बताया था कि इस नारी निकेतन में 40 से अधिक लड़कियां हैं और मेडिकल रिपोर्ट बताती हैं कि उनमें से आधे से ज्यादा के साथ कभी न कभी यौन संबंध बनाए गए।
बालिका गृह में रह रही थीं 42 लड़कियां
मुजफ्फरपुर स्थित शेल्टर होम का नाम ‘बालिका गृह’ था जो कि ब्रजेश ठाकुर के एक एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति की ओर से चलाया जा रहा था और ये शेल्टर होम सरकारी सहायता प्राप्त था। इसमें 42 लड़कियां रह रही थीं।
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