तीन राज्यों में कामयाबी से बढा कांग्रेस का हौसला, बिहार में चाहिए अब ज्यादा शेयर

Bihar Assembly Election: कामयाबी से जोश में है अब कांग्रेस, बिहार में चाहिए अधिक सीटें
पटना [एसए शाद]। तीन राज्यों में हाल में हुए चुनाव में बेहतर प्रदर्शन से उत्साहित कांग्रेस विधानसभा चुनाव में पहले से अधिक सीटों पर चुनाव लडऩा चाहती है। महागठबंधन में पार्टी इसके लिए दबाव बनाएगी। पार्टी यह तर्क भी दे रही है कि जब महागठबंधन से जदयू अलग हो चुका है तो ऐसे में महागठबंधन में दूसरा सबसे बड़ा दल कांग्रेस ही है। स्वाभाविक रूप से तब कांग्रेस को अधिक सीटें मिलनी चाहिए। पांच साल पूर्व 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 41 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और इनमें से 27 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं, राजद और जदयू के हिस्से में 101-101 सीटें आई थीं। राजद 80 सीटें जीत कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। वहीं, 71 सीटें हासिल करने वाला जदयू लगभग 20 माह बाद ही महागठबंधन से अलग हो गया।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में हुए चुनावों में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन ने कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार किया है। हालांकि हरियाणा में पार्टी की सरकार नहीं बनी, लेकिन कांग्रेस का प्रदर्शन पहले से बेहतर रहा। पिछले माह झारखंड में महागठबंधन की जीत ने पार्टी का यह उत्साह और बढ़ा दिया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि भाजपा के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता ने झारखंड में बेहतर नतीजा दिया। ये सभी नेता बिहार में भी विपक्षी एकता की पक्षधर हैं, मगर इन्हें पार्टी के लिए महागठबंधन में पिछली बार से अधिक सीटें चाहिए। इनकी आपसी बातचीत में तो झारखंड फार्मूले को ही आधार बनाकर बिहार में सीटों के बंटवारे की बात आरंभ हो गई है। इसी उत्साह ने पार्टी को विभिन्न मुद्दों पर आंदोलनात्मक कार्यक्रम तैयार करने का बल प्रदान किया है।
आने वाले दिनों में पार्टी एनआरसी, सीएए, महंगाई आदि मुद्दों को लेकर लगातार अभियान चलाएगी। पार्टी का राज्य सरकार के प्रति रवैया भी बदला है। अबतक नरम रवैया दर्शाने वाली कांग्रेस ने राज्य सरकार के खिलाफ मुखर होकर बोलना आरंभ कर दिया है। रविवार को भी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा ने अपराध की बढ़ती घटनाओं को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला।
महागठबंधन में प्रदेश में इस समय राजद और कांग्रेस के अलावा रालोसपा, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी शामिल हैं। इस बार झारखंड में जेएमएम ने 43, कांग्रेस ने 31 और राजद ने 7 सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ा था। इस फार्मूले के हिसाब से कांग्रेस बिहार में करीब 100 सीटों की अपेक्षा रख रही है।
जागरण डॉटकॉम से साभार






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