Sunday, January 26th, 2020

 

क्या पहले से ‘सख़्त’ हो गए हैं भारत के राष्ट्रपति ?

सरकारी रिकॉर्ड से पता चलता है कि वर्ष 2013 के बाद से, भारत के राष्ट्रपति ने सिर्फ़ तीन मामलों में ही मृत्युदंड पर रोक लगाई है, जबकि 32 याचिकाओं को ठुकरा दिया. अरविंद छाबड़ा. बीबीसी से साभार आधिकारिक आंकड़ों से यह संकेत मिलता है कि मृत्युदंड को चुनौती देने वाली दया याचिकाओं से निपटने में भारत के राष्ट्रपति पहले की तुलना में ज़्यादा सख़्ती बरतने लगे हैं. पिछले हफ़्ते ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने साल 2012 के बहुचर्चित गैंगरेप केस के मुख्य अभियुक्तों में से एक मुकेश सिंह की दयाRead More


जानिए राष्ट्रपति की टुकड़ी में चलने वाले घुड़सवार अंगरक्षकों की कहानी

26 जनवरी के समारोह में घोड़ों पर सजे-धजे राष्‍ट्रपति के अंगरक्षकों को आपने भी जरूर देखा होगा। लेकिन क्‍या आपको इनसे जुड़ी कुछ दूसरी और अहम बातें भी पता हैं। नई दिल्‍ली। आपने 26 जनवरी के समारोह में पहले बग्गी में जाते हुए राष्ट्रपति और उनके पीछे चलते घोड़ों पर सजे-धजे राष्‍ट्रपति के अंगरक्षकों को तो जरूर देखा होगा। मगर समय के साथ कुछ चीजें बदल गई। अब राष्ट्रपति बग्गी से नहीं जाते मगर उनकी सुरक्षा के लिए सदियों पुरानी परंपरा के हिसाब से घोड़ों पर सवार होकर उनके अंगरक्षक जरूरRead More


सात दशक के गणतंत्र में जवान होता भारत

देश आजाद हो चुका था अब चुनौती थी देश को अपने नियम अपने बनाए कानूनों पर चलाने की. इसके लिए 2 साल 11 महीने और 18 दिन डॉ भीमराव अंबेडकर ने कड़ी मेहनत की. और अंग्रेजों के संविधान से अलग अपना अलग संविधान बनाया. भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को 10 बजकर 18 मिनट पर लागू हो गया. 26 जनवरी 1950 को भारत के पहले राष्‍ट्रपति डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ तिरंगा फहराकर भारतीय गणतंत्र के ऐतिहासिक जन्‍म की घो‍षणा की. तब से आजRead More


वे महिलाएं जिन्होंने संविधान निर्माण में निभाई अहम भूमिका

वे महिलाएं जिन्होंने संविधान निर्माण में निभाई अहम भूमिका संविधान निर्माण के दौरान देशभर की विभिन्न अभियानों से जुड़ी महिलाओं को एकत्रित किया गया था और उनसे महिला अधिकारों सहित कई मामलों पर उनसे बात की गई थी.. पूजा मेहरोत्रा नई दिल्ली: देश में संविधान लागू होने के बाद अब तक देश में काफी कुछ बदल चुका है. इस दौरान महिला प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा गांधी मिली, वहीं देश ने अपने सर्वोच्च स्थान राष्ट्रपति के रूप में भी प्रतिभा देवी सिंह पाटिल को भी बिठाया. आज देश की रक्षा औरRead More


समस्‍याओं से जूझ रहा भारतीय गणतंत्र, क्‍या है उपाय

गणतांत्रिक देश बनने के बाद भारत अब तक लंबी यात्र तय कर चुका है। हालांकि जिस समय भारत का अपना संविधान लागू किया गया, उस समय जिस तरह के गणतंत्र की कल्पना की गई थी, वहां तक हम आज पहुंच पाए या नहीं यह एक बहस का विषय हो सकता है, लेकिन इतना तय है कि इस दौरान समग्र आर्थिक विकास हुआ है और देश ने अनेक उपलब्धियां भी हासिल की हैं। हां, कृषि के मामले में यह कहा जा सकता है कि अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है.Read More


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