बिहार में यादव महासभा की कार्यसमिति की बैठक करा पाऐंगे नित्यानंद
Birendra Yadav. Patna.अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा। 1924 में इसकी स्थापना हुई थी और 1936 में इसका पंजीयन हुआ था। 95 वर्षीय की हो गयी। 2024 में सौ साल की हो जायेगी। यादव महासभा के विस्तार में बिहार के नेताओं की बड़ी भूमिका रही है। हालांकि लालू यादव के सत्ता में आने के बाद बिहार में महासभा की गतिविधि सीमित होती गयी थी। लगभग निष्क्रिय हो गयी थी। सांसद नित्यानंद राय जब बिहार भाजपा के अध्यक्ष बने थे तो उम्मीद जगी थी कि वे यादव महासभा को अपने राजनीतिक आवश्यकता के लिए सक्रिय करेंगे, लेकिन वह भी स्वागत और अभिनंदन से आगे नहीं बढ़ पाये। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बनने के बाद लोगों को अपेक्षाएं ज्यादा बढ़ गयी हैं। अब वे प्रदेश अध्यक्ष के पद से भी मुक्त हो गये हैं। वैसे माहौल में स्वाभाविक रूप से सवाल उठता है कि क्या नित्यानंद राय बिहार में अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा का बिहार में जीवनदान दे पाएंगे, महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुला पायेंगे। फिलहाल महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 2 अक्टूबर को बेंगलूरू में होने वाली हैं।
बिहार में सत्तारूढ़ भाजपा ने राज्यपाल फागू चौहान का सार्वजनिक अभिनंदन जातीय संगठन नोनिया-बिंद महासभा के बैनर तले किया था। इसका मकसद राज्यपाल की जाति नोनिया और उसके समकक्ष जातियों को भाजपा से जोड़ने का प्रयास था। बदले माहौल में नित्यानंद राय बड़ी राजनीतिक ताकत हो गये हैं। कुछ लोग उन्हें मुख्यमंत्री का दावेदार भी मान रहे हैं। ऐसे में यह सवाल किया ही जाना चाहिए कि क्या नित्यानंद राय अपनी जातीय संगठन को सक्रिय और मजबूत बनाने का प्रयास करेंगे।
अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा की बात करें तो अब तक सात राष्ट्रीय अध्यक्ष बिहार से हुए हैं। 1927 (रेवाड़ी महाधिवेशन) में राय साहब श्रीवल्लभ दास बिहार से महासभा के पहले अध्यक्ष बने थे। 1931 (बलिया महाधिवेशन) में स्वयंवर दास राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे और बाद में वे एमएलसी भी थे। 1939 (कलकत्ता महाधिवेशन) में नवदीपचंद्र घोष राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। 1946 (सिरसा महाधिवेशन) में शिवनाथ प्रसाद यादव महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। वे पटना के मीठापुर स्थित भारती प्रेस के मालिक थे। बाद में एमएलसी भी बने थे। 1962 (रायबरेली महाधिवेशन) में श्रीमंत नारायण खिरहरी राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। 1978 (बनारस महाधिवेशन) में बिंदेश्वरी प्रसाद यादव महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे और 1986 (दुर्ग महाधिवेशन) में रामलखन सिंह यादव महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। वे बिहार और केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे।
1965 में पटना के गांधी मैदान में यादव महासभा के 40वें अधिवेशन के मौके पर विशाल सभा हुई थी। इसकी अध्यक्षता तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राव वीरेंद्र सिंह ने किया था। उस समय रामलखन यादव बिहार सरकार में मंत्री थे। यह सभा ऐतिहासिक हुई थी और महासभा की वैसी दूसरी सभा फिर कभी नहीं हुई।
अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक आगामी 2 अक्टूबर को बेंगलूरू में होगी। इसका उद्घाटन कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस यदुरप्पा करेंगे। इसी संदर्भ में हम एक सवाल नित्यानंद राय से पूछना चाहते हैं कि क्या वे अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की अगली बैठक बिहार में करवाने में सक्षम हैं और रुचि रखते हैं। यह निर्णय उनका अपना ही होगा, लेकिन पिछले करीब 40 वर्षों में बिहार में राषट्रीय कार्यसमिति की बैठक करवाने का हिम्मत कोई राजनेता नहीं जुटा पाया। क्या नित्यानंद राय इस चुनौती को स्वीकार करेंगे। https://www.facebook.com/kumarbypatna
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