Monday, August 26th, 2019
हथुआ महावीरी अखाडा की यादें : लात जूता खाएंगे-बाईजी नचाएंगे से चली परंपरा और पाउच पीके डमघाऊंच
संजय कुमार. बिहार कथा. हथुआ, गोपालगंज. पुरानी स्मृतियों में जाइए. हथुआ का महावीरी अखाडा न जाने कब से इतना फेमस है. अनेक लोग दूर दूर से आते हैं. दूसरे के रिश्तेदारी निकाल कर यह मेला देखने के बहाने हथुआ आते हैं. बात नब्बे के दशक की है. शुरुआती दौर में अखाडा उठाने वाले गांव के लोगों का इस बात पर जोर रहता था कि उनमें ज्यादा से ज्यादा लाठी के साथ जय हो जय हो के जयकारे लगे. इसमें लाठी भांजने का शानदार प्रदर्शन भी. गांव के हर किशोर युवाRead More