बेईमानी करने वालों को समर्थक जनता ही सजा देती है.
Dilip C Mandal
अपने मुद्दों के प्रति आरएसएस-बीजेपी की प्रतिबद्धता प्रशंसा योग्य है. पहली बार बहुमत की सरकार बनते ही उसने जिस तरह से अपने वादों को पूरा करना शुरू किया उससे बाकी दलों को सीखना चाहिए. तलाक को अपराध घोषित कर उसने समान नागरिक संहिता की ओर कदम बढ़ा दिए हैं. अनुच्छेद 370 खत्म है. राम मंदिर जब चाहेगी बना लेगी या उसे थोड़ा समय के लिए टालना चाहेगी तो टाल देगी. मामले को गरम रखेगी. सवर्णों को आरक्षण दे दिया है. लेटरल एंट्री लागू करके बाकी तबकों के आरक्षण पर पलीता लगा दिया है. निजीकरण से रहा सहा आरक्षण कमजोर हो जाएगा.
बीजेपी अपने कोर वोट बैंक के प्रति गजब की ईमानदार है. इसके लिए वह किसी की परवाह नहीं करती और किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहती है.
इसके मुकाबले सपा-बसपा-आरजेडी-जेडीयू, लोकदल या कम्युनिस्ट पार्टियां या जेएमएम वगैरह जब सत्ता में होती हैं, तब उनका व्यवहार देख लीजिए. अपने मुद्दों के प्रति इनकी बेईमानी देखिए. अपने वोटर समूहों के प्रति उनकी अवहेलना देखिए।
बीजेपी को सवर्ण आरक्षण देना था, दे दिया. सपा-बसपा-आरजेडी भी ओबीसी को आबादी के अनुपात में आरक्षण दे सकती थी. नहीं दिया. सामाजिक न्याय की थोड़ी बहुत बात ये पार्टियां तभी करती हैं, जब जनता लात मारकर विपक्ष में भेज देती है.
बेईमानी करने वालों को समर्थक जनता ही सजा देती है.
Dilip C Mandal
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