कंट्रोल डाइट, नियमित एक्सरसाइज ठीक हो जाएगा शुगर
इंटरनेशनल डायबिटीज कांफ्रेंस से आने के बाद डॉ दिनेन्द्र ने बताया ये बातें
“”””””””””””””””””””””””””””””””””” बिहार कथा, नई दिल्ली। नोवेटल में शनिवार को आयोजित International sympocia on Diabetes 2019 का आयोजन में भारत के हरेक राज्य से प्रमुख चिकित्सक शामिल हुए। इस सेमिनार मे विभिन्न देशों से आये स्पीकर ने डायबिटीज़ पर स्पीच दिये, जिसने युके से दो प्रोफेसर, जर्मनी से एक, डेनमार्क से एक प्रोफेसर आये थे।।
सीवान आने पर डॉ आशुतोष दिनेन्द्र ने कहा कि अगर आप मधुमेह रोगी हैं और इसकी वजह से हर वक्त परेशान रहते हैं। कभी-कभी लगता है कि डायबिटीज की वजह से जिंदगी का साथ जल्द ही छूट जाएगा तो अपनी गलतफहमी दूर कर लीजिए। डाक्टरों का दावा है कि कंट्रोल डाइट और नियमित एक्सरसाइज की वजह से शुगर के मरीजों की उम्र उन लोगों से भी ज्यादा हो सकती है, जिन्हें कोई बीमारी ही नहीं है। टेंशन फ्री रहने पर भी ब्लड शुगर को कंट्रोल किया सकता है।
दुनिया में डायबिटीज के मरीजों की संख्या 382 मिलियन पहुंच चुकी है। एक अनुमान के तहत 2035 में यह संख्या 592 मिलियन पहुंच सकती है। हर दस व्यक्ति में एक शुगर का मरीज है। भारत डायबिटीज के मरीजों की राजधानी बनती जा रही है। 50 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो मधुमेह के मरीज हैं, लेकिन उन्हें इस बारे में मालूम ही नहीं है। इसकी वजह बेतरतीब ढंग से खानपान, जागरूकता की कमी और पारिवारिक इतिहास है। जागरूकता की कमी का ही असर है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वालों में यह रोग तेजी से बढ़ रहा है। मधुमेह की बीमारी आम हो चुकी है। इसलिए घबराने की बजाय डटकर इसका सामना करना चाहिए। मधुमेह के मरीज बैलेंस डाइट लें। हर दिन आधे घंटे से ज्यादा समय तक एक्सरसाइज करें। डाक्टरों की सलाह पर नियमित दवाइयां लेते रहें। ऐसा करने पर वे आम लोगों की तरह सामान्य जीवन बिता सकेंगे। भारत में ऐसे बेशुमार मामले सामने आए हैं कि छोटी उम्र में डायबिटीज होने के बाद भी लोग 80-85 साल तक जीवित रहे। बशर्ते लोग इलाज में लापरवाही न बरतें।
मरीज खुद करें इसका इलाज-
सिर्फ डाक्टर और दवाइयों के भरोसे रहना ठीक नहीं है। डाक्टर दवा देे सकते हैं। मरीज जब तक अपनी बीमारी के प्रति सजगता और इससे निपटने के लिए मेहनत नहीं करेंगे, मसला हल नहीं होगा। ऐसे में मधुमेह रोगियों को चाहिए कि वे हिम्मत के साथ इस बीमारी का सामना करें। कम खाने की आदत डालें। अगर हो सके तो डाक्टरों की सलाह के बाद किसी गेम के आदी हो जाएं।
जांच से न घबराएं-
लोगों को शुगर की जांच से घबराना नहीं चाहिए। वक्त रहते इसका पता चल जाएगा तो कंट्रोल करने में आसानी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी को बहुत ज्यादा प्यास लगती है। बार-बार यूरीन पास होता है। फुंसी या फोड़े जल्दी अच्छे नहीं हो रहे हैं तो शुगर की जांच कराएं। ये मधुमेह के लक्षण हो सकते हैं।
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