Saturday, April 6th, 2019
काल निर्धारक : भारतीय संस्कृति के पौरुष – पराक्रम का ललाट बिम्ब ‘विक्रम’ .
काल निर्धारक : भारतीय संस्कृति के पौरुष – पराक्रम का ललाट बिम्ब ‘विक्रम’ . मर्यादा पुरषोतमश्री राम और श्री कृष्ण के पश्चात जिस शासक को भारत ने अपने ह्रदय सिंहासन पर आरूढ़ किया है वह विक्रमादित्य है। जिसका गरुड़ध्वज वर्तमान अफगानिस्तान में स्थित हिन्दू कुश के पार बलख से लेकर ईरान इराक तक लहराता था। कुल 4 में से 3 समुद्र की लहरें भी जिसकी पराक्रम की गीत गाती थी। देवश्री , विक्रम , नरेन्द्रचंद्र , सिँहविक्रम ,नरेन्द्रसिंह ,सिंहचन्द्र ,परमभागवत ,अजितविक्रम ,विक्रमांक, परमभट्टारक , महाराज , देवराज तथा अप्रतिरथ आदिRead More