स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमारे साथ बहुत प्रयोग एवं खिलवाड़ होते रहे हैं- राम बहादुर राय

• स्वस्थ भारत ने मनाया अपना चौथा स्थापना दिवस
• स्वस्थ भारत विकसित भारत विषय पर हुआ संवाद
• स्वास्थ्य संबंधी नीतिगत मामलों की रिपोर्टिंग किए जाने पर वक्ताओं ने दिया बल
बिहार कथा, नई दिल्ली। हां स्वास्थ्य का जो क्षेत्र है उसमें हमारे साथ बहुत प्रयोग एवं खिलवाड़ होते रहे हैं। इस बीच जहां खिलवाड़ की कोशिश हो रही है वहां पर स्वस्थ भारत अभियान व न्यास स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है, यह एक सराहनीय कार्य है। मैं मज़ाक में कहा करता हूं कि हमारे यहां 130 करोड़ की आबादी है तो 132 करोड़ चिकित्सक। यानी किसी को कोई परेशानी हो तो उसे इलाज संबंधी सलाह देने वालों की कमी नहीं हैं। अपने यहां का स्वभाव जो है वो दूसरे तरह का है। ऐसे में स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी देना, लोगों को सस्ती दवा कहां मिलेगी कैसे मिलेगी इस तरह की तमाम जानकारियों से अवगत कराने का काम स्वस्थ भारत कर रहा है। लोगों के बीच में जाकर स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैला रहा है। स्वस्थ भारत यात्रा-2 के माध्यम से स्वस्थ भारत यात्री दल ने 70 दिनों में 16000 किमी की अपनी यात्रा के दौरान 143 आयोजनों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम किया है।’ उक्त बातें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय ने नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय केन्द्र में स्वस्थ भारत (न्यास), इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र एवं प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित स्वस्थ भारत (न्यास) के चौथे स्थापना दिवस पर अपने अध्यक्षीय संबोधन में कही। उन्होंने स्वस्थ भारत (न्यास) के चेयरमैन व स्वास्थ्य कार्यकर्ता व पत्रकार आशुतोष कुमार सिंह के स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि, ‘पत्रकारिता में मेरी समझ से यह दूसरा उदाहरण है जब एक पत्रकार इस तरह से पत्रकारिता करते हुए एक्टिविज्म में सक्रिय हुआ है। वरिष्ठ पत्रकार पी.साइनाथ के अकाल पीड़ितों के बीच में किए गए काम एवं रिपोर्टिंग एवं देवेन्द्र स्वरूप शर्मा का एग्रीकल्चर के क्षेत्र में किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए श्री राय ने इस क्रम में अगला नाम आशुतोष कुमार सिंह का जोड़ा और कहा कि, ‘आशुतोष जी ने हेल्थ के सेक्टर में जो अभियान चलाया है उससे एक जागरूकता पैदा हुई है और यह अंततः इस बार नहीं तो अगली बार ही सही एक राष्ट्रीय मुद्दा बनेगा।’
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार व आइआइएमसी के पूर्व महानिदेशक के.जी.सुरेश ने स्वास्थ्य पत्रकारिता में साक्ष्य आधारित रिपोर्टिंग किए जाने पर बल दिया और साथ ही स्वास्थ्य पत्रकारों को स्वास्थ्य रिपोर्टिंग की बारीकियों के बारे में प्रशिक्षित किए जाने की वकालत की। वरिष्ठ पत्रकार ओंकारेश्वर पांडेय ने कहा कि देश में स्वास्थ्य संबंधी रेग्यूलॉटेरी बॉडी को और मजबूत बनाए जाने की जरूरत है ताकि फेक ड्रग्स से लोगों को बचाया जा सके। सरकार की जनऔषधि योजना एवं आयुष्मान भारत योजना की तारीफ करते हुए श्री पांडेय ने कहा कि इन योजनाओं से आम लोगों की सेहत की रक्षा हो सकेगी।
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के सीइओ सचिन कुमार सिंह ने ‘स्वस्थ भारत विकिसित भारत के निर्माण में जनऔषधि की भूमिका’ विषय पर बोलते हुए कहा कि जनऔषधि के कारण 2 हजार करोड़ रुपये की बचत देश को हुई है। उन्होंने कहा विगत 3 वर्षों में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के अंतर्गत बहुत ही तेजी से जनऔषधि स्टोर खुले हैं और इसका फायदा देश की गरीब जनता ले रही है। ‘स्वस्थ भारत विकसित भारत के निर्माण में आयुष्मान की भूमिका’ को रेखांकित करते हुए भारतीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की कार्यकारी निदेशक (वित्त) गीताली तारे ने कहा कि भारत सरकार ने आय़ुष्मान के माध्यम से देश की 40 फीसद जनता को स्वास्थ्य सुरक्षा देने का काम किया है। उन्होंने इस योजना को लाभार्थियों तक पहुंचाने की अपील करते हुए कहा कि, आप सभी लोगों को इस लोक कल्याणकारी योजना की जानकारी लाभार्थियों तक पहुंचाने में आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे ज्यादातर लाभार्थी गरीब एवं कम पढ़े-लिखें हैं अतः उन तक उनके हक़ की बात पहुंचे यह बहुत जरूरी है।
इसके पूर्व स्वस्थ भारत के चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह ने स्वस्थ भारत यात्रा-2 के बारे में पीपीटी के माध्यम से उपस्थित लोगों को अवगत कराया। यात्री दल सदस्य वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि सेहत के क्षेत्र में बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। धीप्रज्ञ द्विवेदी ने स्वस्थ भारत (न्यास) का परिचय कराया। जबकि वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. मनीष कुमार, कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ.सुशील कुमार, वरिष्ठ होमियोपैथिक चिकित्सक डॉ.आर.कांत एवं डॉ.पंकज अग्रवाल, वेलनेस कोच डॉ. अभिलाषा द्विवेदी, वरिष्ठ पत्रकार संजीव कुमार एवं अफरोज आलम साहिल व सामाजिक कार्यकर्ता अमरनाथ झा सहित संस्था से जुड़े कई लोगों ने अपने अनुभव साझा किए। मंच संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी, लेखक व गीतकार मनोज सिंह भावुक ने किया।






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