हिंदी आलोचना में बिहार के अमिताभ का बजा डंका
सीताराम शास्त्री स्मृति पुरस्कार, 2018 युवा आलोचक अमिताभ राय को
2017 में मिल चुका है देवीशंकर अवस्थी सम्मान
बिहार कथा न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली. वर्ष 2018 के लिए सीताराम शास्त्री स्मृति पुरस्कार युवा आलोचक अमिताभ राय को प्रदान किया जाएगा. निर्णायक समिति के सदस्यों अखिलेश, विजय राय और जितेंद्र श्रीवास्तव ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है. पुरस्कार समिति के संयोजक प्रांजल धर ने बतायास कि निर्णायक मंडल ने अपनी संस्तुति में कहा है-‘ श्री अमिताभ राय ने पिछले वर्षों में अपने आलोचनात्मक आलेखों और प्रकाशित दोनों पुस्तकों (सुमित्रा कुमारी सिन्हा, सभ्यता की यात्रा:अंधेरे में) के माध्यम से गम्भीर हस्तक्षेप किया है. पारदर्शी भाषा में लिखी गई उनकी आलोचना में विश्वसनीयता के साथ-साथ जोखिम लेने का आवश्यक साहस भी है. वे लंबे समय तक प्रसिद्ध पत्रिका ‘समीक्षा’ के सम्पादन से भी सम्बद्ध रहे हैं. निर्णायक समिति अमिताभ राय को वर्ष 2018 के लिए सीताराम शास्त्री स्मृति पुरस्कार प्रदान करते हुए प्रसन्नता और संतोष का अनुभव कर रही है.
ज्ञात हो कि युवा आलोचकों को प्रति वर्ष दिया जाने वाला देवीशंकर अवस्थी सम्मान से भी अमिताभ राय सम्मानित हो चुके हैं. इन्हें वर्ष 2017 में प्रकाशित आलोचना-पुस्तक ‘सभ्यता की यात्रा: अंधेरे में’ देवीशंकर अवस्थी सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है.
नेतहाट के छात्र, दिल्ली से उच्च शिक्षा
23वां देवीशंकर अवस्थी सम्मान पाने वाले युवा आलोचक अमिताभ राय का जन्म 7 जून, 1980 में बिहार के पटना जिले में हुआ था. उन्होंने स्कूली शिक्षा नेतरहाट आवासीय स्कूल से की है. वे 1995 में मैट्रिक परीक्षा में राज्य स्तर पर सेकेंड टॉपर थे. उन्होंने दिल्ली के प्रतिष्ठित किरोडीमल कॉलेज से हिंदी में आॅनर्स व हिंदी से ही एमए किया. अमिताभ वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय के श्यामलाल काॅलेज में सहायक प्राध्यापक पद पर कार्यरत हैं. अमिताभ राय की पहली कृति खोज और खोज हिंदी अकादमी दिल्ली से प्रकाशन सहयोग योजना के तहत प्रकाशित हुई.
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