Friday, February 15th, 2019
शहीदों की कहानी, आँख में आये पानी
पुष्यमित्र वे गांव में रहते थे। साधारण किसान थे। वक़्त बदला तो अहसास हुआ कि परिवार की जिंदगी बदलनी है। शहर आ गए। कभी जूस बेचा तो कभी कोई और धंधा किया। बेटे को पढ़ाया लिखाया। बेटा सीआरपीएफ में नौकरी पा गया। वे जिस माहौल में रहते हैं, वहां सरकारी नौकरी पाना एवरेस्ट फतह करने के बराबर माना जाता है। भले ही वह नौकरी उस सीआरपीएफ की हो, जो हर आतंकी-नक्सल हमले के पहले और सबसे आसान शिकार होते हैं। बहरहाल बेटे को सरकारी नौकरी मिली तो बाप को लगाRead More