Monday, February 4th, 2019
चौरी-चौरा: एक बहुजन बगावत, जिससे गांधी घबरा उठे थे!
चौरी-चौरा गरीबों और निम्नवर्णीय किसानों-मजदूरों का विद्रोह था, जिसके निशाने पर अंग्रेज बेशक थे, लेकिन ये विद्रोह गांधी और कांग्रेस की जमींदारपरस्त नीतियों के खिलाफ भी था. सिद्धार्थ 4 फरवरी 1922 की चौरी-चौरा की घटना न केवल भारतीय इतिहास, बल्कि विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटना है. चौरी-चौरा के डुमरी खुर्द के लाल मुहम्मद, बिकरम अहीर, नजर अली, भगवान अहीर और अब्दुल्ला के नेतृत्व में किसानों ने ज़मींदारों और ब्रिटिश सत्ता के प्रतीक चौरी-चौरा थाने को फूंक दिया. इसमें अंग्रेज़ी सरकार के 23 सिपाही मारे गए.आधुनिक भारत का इतिहास चौरी-चौरा केRead More
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