सुभाष सिंह यादव, जयनगर (मधुबनी। लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर बड़ी खबर आ रही है। चर्चित पत्रकार और वर्तमान में दैनिक भास्कर के राष्ट्रीय राजनीतिक सम्पादक सन्तोष कुमार हो सकते हैं झंझारपुर से एनडीए के उम्मीदवार। कार्यकर्ताओं ने उनके नाम को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है। आगामी लोकसभा चुनाव में झंझारपुर लोकसभा से एनडीए में भाजपा चुनाव लड़ेगी या जदयू यह घोषणा भले न हुई हो, लेकिन एनडीए के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने सन्तोष कुमार को झंझारपुर से उम्मीदवार के रूप में मांग तेज कर दिया है और कार्यकर्ताओं का कहना है कि परिस्थिति चाहे जो हो यानि सिम्बल कोई भी हो लेकिन हमारा उम्मीदवार सन्तोष कुमार ही हो। इस संदर्भ में कई भाजपा कार्यकर्ताओं से बात हुई तो उन्होंने कहा कि एनडीए के लिए श्री संतोष जी ही सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार होंगे। उन्होंने पिछले डेढ़ दशक में पत्रकारिता के क्षेत्र में मधुबनी जिले के जयनगर प्रखंड के एक छोटे से गाँव से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहराया है और मिथिला को गौरवान्वित किया है। जयनगर में भाजपा के नगर महामंत्री राजेश गुप्ता का कहना है कि झंझारपुर विकास के दौर में कोसों पीछे छूट चुका है, इसके लिए हमें एक युवा, संघर्षशील और बुद्धिजीवी योद्धा की जरूरत है जो पत्रकार सन्तोष कुमार ही पूरा कर सकते हैं। वहीं वरिष्ठ भाजपा नेता अमरेश झा ने कहा कि आज झंझारपुर को एक ऐसे खेवनहार की जरूरत है जो हमें प्रगति और उन्नति की रेस में शामिल कर सके और वैसा चेहरा हमारे सन्तोष भाई है। जयनगर में प्रसिद्ध शिक्षक एवं भाजपा नेता मनोज झा ने कहा कि झंझारपुर को जातिवाद और अशिक्षा ने पीछे कर दिया। सन्तोष भाई के रूप में हमें नायाब हीरा मिला है, इन्हें एक बार जरूर मौका मिलना चाहिए। कई जदयू कार्यकर्ताओं ने सन्तोष कुमार के लिए अपनी आवाज बुलंद करना शुरू कर दिया है। आपसी बातचीत के क्रम में भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री अमरेश झा ने कहा कि सन्तोष कुमार संघ के बाल्यकाल स्वयंसेवक रहे हैं और 10 साल की उम्र से ही शाखा जाते हैं और इनकी सक्रियता देखकर यह कहावत सत्य प्रतीत होता था कि ‘होनहार वीरवान के होत चिकने पात’ और ‘पूत के पाँव पालने में ही दिख जाते हैं।’ आरएसएस के बाल्यकाल स्वयंसेवक मो. अशरफ, डी बी कॉलेज जयनगर से कौंसिल मेम्बर अमित कुमार, देवधा उतरी के सरपंच सुजीत साह, संघ के जामुन पँजियार, श्याम गुप्ता, गौरीशंकर छपरिया इत्यादि लोगों ने झंझारपुर से बुद्धिजीवी उम्मीदवार के रूप में सन्तोष कुमार के लिए चर्चा शुरू कर दिया है। बातचीत में और सन्तोष कुमार से लोकसभा चुनाव में लड़ने के बाबत पूछने पर उन्होंने लड़ने से इंकार नहीं किया और कहा कि सेवा का भाव, अपनी जमीन को कुछ लौटा सकूं यह मेरे दिल में हमेशा से रहा है और एक कसक रही है कि हमारा क्षेत्र पीछे क्यों? शिक्षा, उद्योग, रोजगार, स्वास्थ्य, कृषि समेत हरेक क्षेत्र में मधुबनी और मिथिला दशकों पीछे छूट गया है और मैं यहाँ दिल्ली में लाखों की जॉब कर मजे से जिंदगी गुजार सकता हूँ और गुजार रहा हूँ। अपनी मिट्टी के लिए कुछ कर सकूं, काम आ सकूं इसका ब्लूप्रिंट मेरे पास है और मैं उसे कार्यान्वित करना चाहता हूँ।
कौन हैं सन्तोष कुमार?
सन्तोष कुमार का जन्म मधुबनी जिला के जयनगर प्रखंड अंतर्गत देवधा में 25 दिसम्बर 1980 को रामलोचन साह एवं सीता देवी के यहाँ हुआ। इनके पिता 40 वर्षों तक
देवधा उत्तरी पंचायत के सरपंच रहे हैं। सन्तोष कुमार की शुरुआती पढ़ाई गाँव के ही विद्यालय में हुआ, फिर मधुबनी स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय से मैट्रिक और बेगूसराय स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई पूरी करने के उपरांत आगे की पढ़ाई दिल्ली में ही हुई। दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से ग्रेजुएशन और माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई के बाद जयपुर से प्रकाशित नवज्योति हिंदी दैनिक में 2002 में बतौर प्रशिक्षु पत्रकार(ट्रेनी जर्नलिस्ट) काम किया। 2011 में इंडिया टुडे ग्रुप में बतौर उप सम्पादक जुड़े फिर 2017 से दैनिक भास्कर में राष्ट्रीय राजनीतिक सम्पादक(नेशनल पॉलिटिकल एडिटर) कार्यरत हैं।
पत्रकारिता में अपने उत्कृष्ट कार्य से कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में इन्हें 2016 में रामनाथ गोयनका अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। उत्कृष्ट युवा पत्रकार, सर्वश्रेष्ठ नवोदित पत्रकार इत्यादि के साथ ही कई क्षेत्रीय और राज्यस्तरीय सम्मान हासिल कर चुके सन्तोष कुमार में बचपन से ही अपनी मिट्टी को कुछ लौटाने की इच्छा रही है और वे उस कसक को पूरी करना चाहते हैं।
झंझारपुर सीट का इतिहास और 2019 में झंझारपुर की जंग
2014 में झंझारपुर से भाजपा को जीत मिली और जदयू इस चुनाव में भाजपा से अलग थी। इससे पहले यहाँ जदयू, राजद समेत अन्य दलों को विजय हासिल होता रहा है। भाजपा और जदयू के विजन में भविष्य का लीडर तैयार करना मुख्य एजेंडे में है और दोनों पार्टियां युवा चेहरे को तरजीह देना चाहती है। 45 से कम उम्र के उम्मीदवार की खोज दोनों दलों में है और इसी रणनीति के तहत
जदयू में प्रशांत किशोर को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है और भाजपा शुरू से स्किल को तरजीह देती रही है। इसी आधार पर झंझारपुर से एनडीए उम्मीदवार के रूप में सन्तोष कुमार का नाम फाइनल माना जा रहा है और केंद्रीय तथा प्रदेश नेतृत्व में सहमति भी बन चुकी है। महागठबंधन से भी उम्मीदवार की प्रतीक्षा एनडीए सहित स्थानीय लोगों को भी है।
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