पटना [अंकिता भारद्वाज]। (जागरण डॉट कॉम से साभार).महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए बनाए गए महिला थाने और महिला आयोग में अब पत्नी प्रताड़ित पतियों की भी फरियाद सुनाई देने लगी है। महिला थाने में इस तरह की शिकायतें 20 से 30 प्रतिशत बढ़ गई हैं। शिकायत भी ऐसी-वैसी नहीं, कहीं पतियों की शिकायत है कि उनकी पत्नी बात-बात पर मारपीट करती है तो किसी की पत्नी को मोबाइल से फुर्सत नहीं। कई पीड़ित पतियों का आरोप यह भी है कि पत्नी परिवार से अलग रहने का दबाव बना रही है तो किसी को कम आमदनी को लेकर ताना सुनना पड़ रहा है।
प्रताड़ना का केस दर्ज कराने की दे रही धमकी
महिला आयोग की मानें तो कई सारे ऐसे मामले आ रहे हैं, जिनमें महिला अपने ससुराल वालों पर झूठा केस दर्ज करवाती है। जांच के बाद पता चलता है कि छोटी-छोटी बातों पर अपनी मनमानी ना चलने के कारण पत्नियों द्वारा ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं मनोवैज्ञानिकों की मानें तो तेजी से बदल रही जीवनशैली में ऐसा लगता है कि एक हद तक सब कुछ सहन करने वाली पत्नियों में अब वो सब्र नहीं रह गया है। आजकल की युवा पीढ़ी सोशल मीडिया और बाकी जगहों पर खुशी खोज रही है, जिसके कारण उनमें सहने की शक्ति खत्म हो रही है। हर छोटी-छोटी बात पर वो कानून का सहारा ले लेती हैं और अभी के कानून में उनके खिलाफ कोई भी कारवाई करने की बात नहीं है, जिसका वो गलत फायदा उठा रही है।
पत्नी मारती है थप्पड़, आयोग जाने की करती है बात
दीदारगंज के रहने वाले मनोज दिसंबर महीने में आयोग में आवेदन लेकर आए थे। उनका कहना था कि उनकी पत्नी उन्हें घर में बात-बात पर थप्पड़ मार देती है। और साथ ही उनके कुछ भी कहने पर आयोग में जाने की बात भी करती है। अपनी याचिका में उन्होंने दर्ज करवाया था कि पत्नी उनके परिवार वालों के साथ भी अच्छा व्यवहार नहीं करती है। इसके कारण आए दिन घर में मानसिक कलह होते रहता है।
सैलेरी रख लेती पत्नी, देना पड़ता है एक-एक रुपये का हिसाब
जहानाबाद के रहने वाले विक्की कुमार ने नवंबर महीने में महिला थाना में आवेदन दिया था कि उनकी पत्नी और ससुराल वाले पैसों के लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। उनकी सारी सैलरी पत्नी अपने पास रख लेती है और जब पैसे की जरूरत होती है तो उन्हे पत्नी से मांगना होता है। पैसे देने से पहले पत्नी को जानकारी देनी होती है। इच्छा से ना घर में पैसे दे सकते, ना दोस्तों के साथ जा सकते हैं।
बिहार कथा
पत्नी व सास की इच्छा के अनुसार करना पड़ता है काम
छपरा जिले के रहने वाले शंभू ने अपने ससुराल वालों और पत्नी के खिलाफ आयोग में याचिका जनवरी महीने में डाली थी। उनका कहना था पत्नी हर बात मायके में बताती है। इसके कारण हमारे वैवाहिक जीवन में परेशानी होती है। पैसे खर्च करने से लेकर हर बात सास की इच्छा के अनुसार करना होता है। कुछ कहने पर केस करने की मिलती है।
हर समय मोबाइल पर व्यस्त रहती है बीवी
पत्रकार नगर निवासी विमलेश की कहानी कुछ और ही है। पिछले माह वह महिला थाना में न्याय की गुहार लगाने पहुंचे थे। आरोप था कि पत्नी उनकी बात नहीं सुनती। देर रात तक फोन पर व्यस्त रहती है। कई बार समझाने पर हाथ उठा दिया है। ससुराल पक्ष भी बेटी का ही साथ देता है। डिमांड भी बढ़ती जा रही है। विमलेश ने थक-हार कर महिला थाने में शिकायत की।
कहा-महिला थाना प्रभारी का कहना है
महिला थाना प्रभारी स्मिता सिन्हा के अनुसार पत्नी से परेशान पतियों की शिकायत भी हमारे पास आ रही है। नवविवाहितों में समस्या ज्यादा है, क्योंकि आजकल की लड़कियां ससुराल में एडजस्ट करने को राजी नहीं होती हैं। दोनों पक्षों को थाने बुला समझा-बुझाकर परिवार बसाने का पूरा प्रयास करते हैं। पिछले एक माह में पति-पत्नी के बीच विवाद के 124 मामले आए, जिसमें 50 मामलों में काउंसलिंग कर घर बसा दिया गया है।
बिहार राज्य महिला आयोग की दिलमणि मिश्र का कहना है कि ऐसे मामले बढ़ रहे हैं। हर महीने ऐसे कई केस हमारे पास आ ही जाते हैं, जिसमें पति अपनी पत्नी की ज्यादतियों से परेशान है। जांच के दौरान कई बार पत्नियों के आरोप भी गलत साबित होते हैं। फिलहाल सभी तरह की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाता है और काउंसलिंग के माध्यम इसका निस्तारण किया जाता है।
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