मोदी और शाह में लिए जमीन जॉर्ज-शरद-नीतीश ने ही तैयार की
Awanish Mishra के फेसबुक टाइमल लाइन से साभार
जॉर्ज फर्नांडिस निस्संदेह बड़े नेता थे। मगर उनके राजनीतिक करियर का पूर्वार्द्ध जितना यादगार और शानदार है, उत्तरार्द्ध उतना ही भूलने लायक और अफसोसजनक रहा। उनकी उपलब्धियों पर उनकी ही उत्तरवर्ती अवसरवादी राजनीति ने ग्रहण लगा दिया।
उन्होंने लोहिया और जेपी की गलती को सिर्फ दोहराया ही नहीं बल्कि उनसे भी आगे बढ़कर गैर-कांग्रेसवाद के नाम पर साम्प्रदायिक राजनीति की पालकी ढोने वाले बन गए। नीतीश और जॉर्ज के कंधे पर चढ़कर इस देश में फासीवादी ताकतें सत्ता में आईं। जॉर्ज फर्नांडिस बड़े नेता थे, मगर 1996 के बाद की उनकी राजनीति इस देश में फासीवादी ताकतों के उभार में सहायक सिद्ध हुई। दक्षिणपंथी राजनीति को लेजिटिमेसी दिलाने में जॉर्ज-शरद-नीतीश की बड़ी भूमिका रही।
आज किसी से भी ज्यादा भाजपा को जॉर्ज फर्नांडिस का शुक्रिया अदा करना चाहिए। न जॉर्ज होते, न अटल पीएम बनते। न आज मोदी-शाह होते। मोदी और शाह में लिए जमीन जॉर्ज-शरद-नीतीश ने ही तैयार की।
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