बिहार डीजीपी के दौड में शामिल थे 12 अफसर, गुप्तेश्वर पांडे ने कैसे मारी बाजी!
बिहार के नए डीजीपी बने गुप्तेश्वर पांडेय, कहा-जो काम नहीं करेंगे वो नपेंगे
विशेष संवाददाता
बिहार कथा न्यूज नेटवर्क. पटना. शराबबंदी अभियान के हीरो रहे गुप्तेश्वर पांडेय बिहार के नए डीजीपी बने हैं। इसकी अधिसूचना गृह विभाग ने जारी की है। इस बार पहली बार नए प्रावधानों के तहत डीजीपी की नियुक्ति हुई है। डीजीपी बनते ही गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि जो काम नहीं करेंगे वे नपेंगे. बिहार के डीजीपी बनने की होड में 12 आईपीएस अफसर शामिल थे. इसमें गुप्तेश्वर पांडे के ही बैचमेट सुनील कुमार के नाम पर जोर शोर से कयास लगाई जा रही थी. अंदरखाने की खबर यह भी है कि नितिश कुमार भी यह पद सोशल इंजीनियरिंग को ध्यान में रख कर ऐसे अफसर को देना चाहते थे, जिससे आगामी लोकसभा और बिहार विधानसभा चुनाव में एक खास वर्ग को वोट उनके फेवर में सध जाएं. लेकिन इस बार बिहार में डीजीपी नियुक्ति का असीमित अधिकारी राज्य सरकार के पास था ही नहीं. बिहार में नए प्रावधान के मुताबिक डीजीपी की नियुक्ति हुई है। नए प्रावधान के अनुसार राज्य सरकार के पास सीमित अधिकार है और बिहार कैडर से डीजी रैंक के 12 अफसरों के नाम यूपीएससी को भेजे गये थे, जिनमें से गुप्तेश्वर पांडेय के नाम पर मुहर लगाई गई है. सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में सुनील कुमार की लॉबी कमजोर थी और गुप्तेश्वर पांडे की लॉबी मजबूत साबित हुई. बिहार में यह पहली बार है कि डीजीपी के निर्णय को लेकर इतना समय लगा है। सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के अनुसार अब राज्य में जो भी डीजीपी बनेगा वह अगले 2 वर्षों तक इस पद पर काबिज रहेगा। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के वजह से भी यूपीएससी और बिहार सरकार के बीच काफी माथापच्ची हुई थी।
डीजीपी बनने के बाद गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि पहली बार बिहार में डीजी टीम बनाएंगे जिसमें पूरी टीम से सलाह लेने के बाद जटिल फैसले लिए जाएंगे। जनता का हित सर्वोपरि है, पुलिस जनता के लिए काम करेगी। पुलिस का काम है अपराध नियंत्रण और विधि व्यवस्था को दुरूस्त करना और हम जनता और सरकार की कसौटी पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे। पांडेय 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी हैैं। वर्तमान में वह डीजी ट्रेनिंग के पद पर तैनात थे। बिहार पुलिस अकादमी के महानिदेशक का प्रभार भी उनके जिम्मे था।
बिहार पुलिस एकेडमी के पहले महानिदेशक का पदभार ग्रहण करने के पूर्व वह बीएमपी के डीजी भी रह चुके हैैं। पूर्व में वह एडीजी (पुलिस मुख्यालय) के पद पर भी काफी दिनों तक काम कर चुके हैैं। पांडेय 28 फरवरी 2021 को अवकाशग्रहण करेंगे। गुप्तेश्वर पांडेय पूर्व में चतरा, बेगूसराय, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, हजारीबाग में जिले के एसपी के रूप में काम कर चुके हैैं। मुंगेर, बेतिया और मुजफ्फरपुर में डीआईजी रहे हैैं। इसके अतिरिक्त विशेष शाखा में आईजी भी रहे हैैं। वर्ष 2017 की जुलाई में वह एडीजी से डीजी के रूप में प्रोन्नत हुए थे। गुप्तेश्वर के पास मीडिया मैनेज और राजनीतिक लॉबी को मैनेज करने की भी अच्छी क्षमता मानी जाती है. अब देखना है कि गुप्तेश्वर पांडे बिहार में अपराध नियंत्रण पर काबू पाकर आगामी चुनाव की दृष्टि से सुशासन बाबू और पब्लिक के लिए कितना संतोषजनक साबित होते हैं.
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