गजब! जिस महिला की हत्या में पति और सास-ससुर को भेजा जेल वो मिली जिंदा
सुपौल| बिहार के सुपौल जिले में एक गजब का मामला सामने आा है. जिस पत्नी की हत्या में पुलिस ने पति और उसके माता-पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वो महिला छह माह बाद जिंदा मिली। मामला सुपौल के बहुचर्चित सोनिया हत्याकांड से जुड़ा हुआ है। सुपौल पुलिस की काली करतूतों की वजह से आम इंसान को भी क्या-क्या दिन देखने पड़ते हैं। एक ओर जहां सीएम से लेकर डीजीपी तक पुलिस को पीपुल्स फ्रेंडली बनाने की नसीहत देते रहते हैं। वहीं जिले की पुलिस है कि अपनी वर्दी की हनक दिखाने से बाज नहीं आ रही है। मामले में सोनिया के जिंदा रहने के बावजूद छह महीने की सजा काटकर मंगलवार को जेल से बाहर निकले उसके पति रंजीत और ससुर बिसुन पासवान ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये हैं। पति रंजीत पासवान तो फफक-फफककर रोने लगा। उसका कहना था कि पुलिस ने उनके बयानों को गंभीरता से लिया होता तो आज उन्हें यह दिन नहीं देखना पड़ता। रंजीत की मानें तो वे रोते-गिड़गिड़ाते रहे लेकिन राघोपुर थाना की पुलिस ने दो दिन तक उसे हाजत में बंद करके तब तक पीटा जब तक कि उसने पत्नी की हत्या की बात नहीं कबूल ली। इसके बाद उसे सदर थाना लाया गया।
यहां भी वह पुलिस से गुहार लगाते रह गया कि अज्ञात शव उसकी पत्नी का नहीं है। लेकिन जब पिटाई से पुलिसवालों का मन नहीं भरा तो जबरन जुर्म कबूलवाने के लिए उसके शरीर पर तेजाब भी फेंक दिया गया। इसके बाद 30 मई को उसको, उसके पिता और उसकी मां गीता को जेल भेज दिया गया।
अचानक लौट आयी थी सोनिया
छह महीने पहले मृत घोषित की गयी सोनिया अचानक से 2 नवंबर को सदर थाना पहुंच गयी थी वह भी दूधमुंहे बच्चे के साथ। महिला ने स्वयं को राघोपुर थाना के कोरियापट्टी निवासी जर्नादन पासवान की पुत्री सोनिया बताया। सोनिया के साथ सास गीता देवी भी थी जो 30 अक्टूबर को ही हत्या के जुर्म में जेल से बेल पर निकली थी। पहले तो उनकी बात सुनकर पुलिस भी हैरान रह गयी। बाद में मामला स्पष्ट होने के बाद सबके होश उड़ गये थे। सोनिया ने पुलिस को बताया था कि वह अंजान लड़की के साथ दिल्ली चली गयी थी। बाद में पता चला कि उसके पति उसी के हत्या के आरोप में जेल में बंद है तो वह पुलिस के सामने आयी थी।
26 मई को तेलवा नदी किनारे मिली थी लाश
दरअसल आज से लगभग छह महीने पहले 26 मई को कोसी तटबंध के किनारे तेलवा के पास एक युवती का क्षत-विक्षत शव मिला था। सामान्य दिनचर्या के तहत पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर उसे तीन दिन तक थाने में रखा। इस बीच अखबारों में छपी खबर के आधार पर राघोपुर के कोरियापट्टी निवासी जर्नादन पासवान और उनकी पत्नी कलिया देवी ने सदर थाना पहुंचकर मृतका की पहचान अपनी पुत्री सोनिया के रूप में की।
दहेज की खातिर हत्या करने का आरोप ससुराल वालों पर लगाया
जर्नादन पासवान का कहना था कि उनकी शादीशुदा बेटी भी 26 मई से ही ससुराल से गायब है। पुलिस ने इस आधार पर शव को पासवान के परिजनों को सौंप दिया और उन्होंने शव का विधिवत अंतिम संस्कार कर दिया। उस समय सोनिया के परिजनों ने दहेज की खातिर हत्या करने का आरोप बेटी के ससुराल वालों पर लगाया। उनका कहना था कि 24 मई को सोनिया के पति रंजीत ने फोन पर उनकी बेटी को मार देने की धमकी भी दी थी। इस आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर सोनिया के पति रंजीत पासवान, ससुर जीतन पासवान और सास गीता देवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
पुलिस को किया गया गुमराह
सदर थानाध्यक्ष वासुदेव राय ने बताया कि सोनिया के माता-पिता ने शव की पहचान की और उसका अंतिम संस्कार भी किया। उनलोगों ने ही सोनिया के पति, ससुर और सास पर हत्या का आरोप लगाया था। इसी के आलोक में पुलिस ने कार्रवाई की। इसमें पुलिस को गुमराह किया गया है। इसके लिए सोनिया के मायके वाले खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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