Thursday, October 18th, 2018
हिन्दीमय हो रहा पूर्वोत्तर भारत
अवधेश कुमार ‘अवध’ भारत बहुआयामी विविधता का सामासिक संगम है | तकरीबन 171 भाषाओं और 544 बोलियों के साथ 125 करोड़ आबादी वाला हमारा देश कश्मीर से कन्याकुमारी एवं कच्छ से अरुणाचल तक फैला हुआ है |संविधान सभा ने संविधान बनाते समय राष्ट्भाषा के सम्यक् चयन के लिए 71 सदस्यों की एक समिति गठित की थी जिसके आधे सदस्य हिन्दी विरोधी थे। आधे समर्थक और आधे विरोधी सदस्यों ने हिन्दी को अधजल में छोड़ दिया जिनमें अम्बेदकर जी की भूमिका भी हिन्दी विरोधी के रूप में थी । जीवन पर्यन्तRead More
बिहार के एक मंदिर में बलि के बाद जिंदा हो जाता है बकरा!
बिहार में कुछ एेसे मंदिर हैं जिनकी परंपरा आज भी कायम है। वो भी अनोखी परंपरा है। एक मंदिर एेसा है जहां नवरात्रि में महिलाओं का प्रवेश वर्जित रहता है तो वहीं दूसरा मंदिर एेसा है जहां बकरे की बलि नहीं दी जाती है, बल्कि उसकी पूजा कर उसे श्रद्धालु को ही सौंप दिया जाता है। पटना। कैमूर जिले के भगवानपुर में पवरा पहाड़ी पर अवस्थित मां मुंडेश्वरी का मंदिर अतिप्राचीन है। इसे देश के 51 शक्तिपीठों में शुमार किया जाता है। जिले के भगवानपुर प्रखंड के पवरा पहाड़ी पर स्थितRead More