कौन है जो देश बांटना चाहता है!
मजहब नही सिखाता आपस मे बैर रखन
संतोष कुमार तिवारी
भारत के आजादी के दौरान और आजादी के बाद मे भी हिन्दू व मुस्लिम धर्म को मानने वालो ने कई सौहार्द व भाईचारा की मिशाल पेश की। लेकिन देश मे फूट डालकर व आपसी वैमनस्यता फैलाकर कुछ लोग मजा लेने के उद्देश्य से हमेशा नई चाल चलते है। चाहे वह राम मंदिर का मुद्दा हो, कश्मीरी पंडितों की बात हो, अल्पसंख्यको की बात हो या आतंकवादी हमले व घटनाओ की बात हो। इन सभी मुद्दो पर कुछ लोग केवल समाज मे और लोगो के बीच मे भेदभाव की राजनीति करके अपना उल्लू सीधा करते है। देश के कुछ ऐसे नेता भी है तो देश मे धर्म व जाति की राजनीति करना पसंद करते है । लेकिन शायद उन नेताओ को मालूम नही है कि अब उनकी चाल कामयाब होने वाली नही है क्योंकि देश का युवा जागरूक व शिक्षित हो रहा है नेताओ व संगठनो के चक्कर मे पडकर देश मे किसी तरह का जातिगत या धार्मिक उन्माद नही फैलाएगा न ही इन चीजो का समर्थन करेगा। चाहे हिन्दू धर्म हो, मुस्लिम धर्म हो या अन्य कोई धर्म हो वह कभी नही कहता की आपसी प्रेम, सौहार्द्र, भाईचारा बिगाड़ कर किसी का विरोध करें। भारत के संविधान मे भी सबको धार्मिक स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार दिया गया है तो देश मे धर्म के नाम पर लड़ाई क्यो हो?
देश के कश्मीर मे एक पुलवामा जिला है जहां त्राण इलाका है वह क्षेत्र आतंकवादी नेताओ का गढ है लेकिन वहां के मुस्लिम समुदाय के लोगो ने दस परिवार से भी कम हिन्दूओ के लिए मंदिर का निर्माण करके एक मिशाल पेश की है। सभी तीज त्यौहार दोनो समुदाय के लोग एक दुसरे के साथ मिलकर मनाते है। नवरात्र मे कई जगह मुस्लिम समुदाय के लोग आरती मे भाग लेते है, रामलीला का मंचन करते है तो बहुत जगह पर हिन्दू भी मुहर्रम के मौके पर ताजिया इत्यादि की व्यवस्था करते है और रोजा इफ्तार करके आपसी सौहार्द की मिशाल पेश करते है। देश को बांटने वाले नेताओं,संगठनो या लोगो के बहकावे मे न आए। देश के सभी धर्मो व समुदाय का सम्मान करना हम सबका परम कर्तव्य है। यदि हम किसी धर्म या समुदाय का विरोध करते है तो उस समुदाय के लोग बेशक हमारे भी धर्म व समुदाय का विरोध करेंगे जो देश हित मे सही नही होगा। ध्यान रहे कि देश को बांटने वाले हम सब को आपस मे लडाकर फिर गुलाम बनाना चाहते है। अत: हम सब को चाहिए कि देशहित को सर्वोपरी रखकर कार्य करें क्योंकि जब देश सुरक्षित रहेगा तो देश के सभी नागरिक भी सुरक्षित रहेंगे। देश की एकता व अखण्डता बनाये रखने मे सभी देशवासियों का सहयोग जरूरी है।
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