विश्व बैंक से लिया अरबों का कर्ज कोशी में डूबा
10 साल में केवल 26 प्रतिशत पीडितों का ही बना घर
पटना.कोशी त्रासदी 2008 में आयी थी और तबाही को गुजरे 10 वर्ष हो गये। त्रासदी-पीड़ितों के लिए राज्य सरकार ने विश्व बैंक से दो बार कर्ज लिया। लेकिन सिर्फ 26 प्रतिशत क्षतिग्रस्त घर बनाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घर बनाने की योजना बंद करा दी। इसके बदले वह जन सभाओं में पहले से बेहतर कोशी के निर्माण का दावा कर रहे हैं। सरकार ने इस राष्ट्रीय आपदा के जांच के लिए न्यायिक जाँच आयोग का गठन किया था। आयोग की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और किसी को दंडित भी नही किया गया।स्थानीय संगठन कोशी नवनिर्माण मंच ने कहा है कि यह कोशी वासियों के साथ मजाक है । इसके लिए मुख्यमंत्री को कोशी वासियों से माफ़ी मांगनी चाहिए।
कोशी त्रासदी के बाद पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्यो के लिए कोशी फ्लड रिकवरी प्रोजेक्ट नाम से बिहार सरकार ने 220 मिलियन अमेरीकी डालर का विश्व बैंक से कर्ज लिया। फिर कोशी बेसिन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट नाम से 250 मिलियन अमेरिकी डालर का कर्ज आया। सरकार की कोशी फ्लड नीड्स एवं एसेसमेंट रिपोर्ट हीबताती है कि 236632 घर इस आपदा में पूर्ण रूप से ध्वस्त हुए, परन्तु आज तक 62000 लगभग घर ही बन पाये हैं। यह कुल क्षतिग्रस्त घरों का लगभग 26% है।
क्षति के लिए मिली राशि का बड़ा हिस्सा वितरित नहीं किया गया। आज भी 2008 के बाढ़ में मृतक अनेक लोग अनुग्रह अनुदान के लिए भटक रहे हैं। बाढ़ में लापता 3500 लोगों का भी पता नहीं लगाया जा सका है।
त्रासदी की जांच के लिए बने जांच आयोग की रपट पर किसी को दंडित नही किया गया हैं| पिछले वर्ष आयी बाढ़ ने सरकार के बाढ़ से सुरक्षा की दीर्घ कालीन योजना की पोल खोल दी है। पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील कोशी अंचल में आपदाओं का अनेको बार सामना करने वाले किसानों को आज भी न्यूनतम समर्थन मूल्य नही मिल पाता हैं, न ही कोशी क्षेत्र में नगदी फसल के रूप में मक्के की [खरीद की कोई सरकारी व्यवस्था हो पायी है। पलायन तो बदस्तूर जारी हैं। पलायन रोकने की योजनाएं आज भी धरातल पर नही उतरी हैं। सरकार ने ठेकेदारी से होने वाले काम जरुर करा लिए हैं। बीरपुर में भव्य भवन बना है। मुख्यमंत्री ने अफसरशाही और बड़े ठेकेदारों की इस उपलब्धि के आधार पर दावा कर रहे हैं की कोशी को पहले से बेहतर बना दिया है।
कोशी नव निर्माण मंच ने मुख्यमंत्री से माफ़ी मांगने की मांग की है। मंच ने सभी पीड़ितों का पुनर्वास और कोशी जाँच आयोग की रिपोर्ट के आधार पर दोषियों को दंडित किया जाय करें। मंच ने कोशी क्षेत्र में जलनिकासी की समुचित व्यवस्था करने की मांग की है। मंच ने मुआवजा नही देने के दोषी कर्मचारियों और भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि आपदाओं से ग्रस्त कोशी की समस्या के दीर्घकालिक हल निकाला जाय। 2017 के बाढ़ पीड़ितों की साहाय्य राशि का वितरित कराया जाय| यहाँ के किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने की गारंटी सरकार करे| मक्के के सरकारी खरीद की व्यवस्था हो|
« बूढ़ी कांग्रेस में राहुल का मुकुट बचाने की कवायद (Previous News)
(Next News) हे कर्णावती! मत भेजना हुमायूँ को राखी »
Related News
जन सुराज अगर दल बनता है तो जिसकी जितनी संख्या है उसको उतना मालिकाना हक मिलेगा : प्रशांत किशोर
जन सुराज ने आयोजित किया जननायक कर्पूरी ठाकुर का जन्म शताब्दी समारोह वैशाली में बोलेRead More
‘बिहार के गांवों में बिजली तो पहुंच गई है, लेकिन लोग बिजली के गलत और बढ़े हुए बिल से परेशान ‘
बिहार के गांवों में बिजली तो पहुंच गई है, लेकिन लोग बिजली के गलत औरRead More
Comments are Closed