लालू प्रसाद की जज से कही वह बात सब ठठाकर हंस पडे….
पटना/रांची. चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को साढे तीन साल की सजा सुनाई गई है. लेकिन पिछले बार जब लालू कोर्ट आए थे तब उन्होंने जज से ऐसी बात कही, जिससे कोर्ट में खडा हर कोई ठठाकर हंस पडा. इसके अलावा भी कई मजेदार बात हुई थी. लालू ने अपने बेटे तेजस्वी यादव और तीन अन्य साथियों शिवानंद तिवारी, मनीष तिवारी और रघुवंश प्रसाद सिंह को अदालत की अवमानना के आरोप में मिले नोटिस को वापस लेने की गुहार कोर्ट से लगाई। लालू ने अपने वकील होने की बात भी कही।
लालू– अगर कोई ऐसा करेगा तो उसे पार्टी से निकाल देंगे। हम सिर्फ अदालत का कहना मानेंगे। हमें वीडियो कॉन्फ्रिंग के बजाय अदालत में प्रत्यक्ष तौर पर बुलाया जाए।
जज – इसके लिए जगदीश शर्मा, बिहार के पूर्व डीजीपी डीपी ओझा जिम्मेदार हैं। उन्होंने फैसले की जाति के आधार पर आलोचना की थी।
लालू – जिन्हें आपने अवमानना का नोटिस दिया है, उन्होंने कुछ नहीं कहा है। वे कह चुके हैं कि कानून का पालन करेंगे।
जज– उन्होंने मेरे फैसले को जाति आधारित कहा।
लालू – यह राजनीति की भाषा है। आपके खिलाफ कुछ भी नहीं कहा। जाति मायने नहीं रखती है। अब तो अंतरजातीय विवाह भी हो रहे हैं। आप अवमानना का नोटिस वापस ले लीजिए।
जज – उन्हें 23 तारीख को अदालत में आना होगा।
लालू – मैं सुप्रीम कोर्ट और हाइकोर्ट का वकील हूं।
जज– आपको जेल में डिग्री कर लेनी चाहिए।
लालू – यहां बहुत ठंड है, आप अपना दिमाग ठंडा रखें।
जज – मैं अपने दिमाग से काम करता हूं। आपके साथियों ने कहा कि मैं पक्षपात करता हूं।
लालू – सर, जेल में एक किन्नर भी बंद है। गलती से आ गया है। कहता है शादी करोगे हमसे। (ठहाकों से गूंज उठा पूरा कोर्ट रूम)
जज – आप हैं तो सब ठीक हो जाएगा।
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