बिहार के अमिताभ राय को ‘देवीशंकर अवस्थी सम्मान’
संवाददाता
पटना. युवा आलोचकों को प्रति वर्ष दिया जाने वाला देवीशंकर अवस्थी सम्मान इस वर्ष युवा आलोचक अमिताभ राय की 2017 में प्रकाशित आलोचना-पुस्तक ‘सभ्यता की यात्रा: अंधेरे में’ को दिया जायेगा. इस सम्मान के लिए गठित पुरस्कार समिति जिसमें अशोक वाजपेयी, नंद किशोर आचार्य, राजेंद्र कुमार और कमलेश अवस्थी द्वारा 24 जनवरी, 2018 को सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया. विदित हो कि यह पुरस्कार हिंदी के सुप्रसिद्ध आलोचक स्वर्गीय श्री देवीशंकर अवस्थी की स्मृति में उनकी पत्नी श्रीमती कमलेश अवस्थी द्वारा 1995 में स्थापित किया गया था. अभी तक यह पुरस्कार सर्वश्री मदन सोनी, पुरुषोत्तम अग्रवाल, विजय कुमार, सुरेश शर्मा, शंभुनाथ, वीरेन्द्र यादव, अजय तिवारी, पंकज चतुर्वेदी, अरविंद त्रिपाठी, कृष्णमोहन, अनिल त्रिपाठी, ज्योतिष जोशी, प्रणय कृष्ण, प्रमीला केपी, संजीव कुमार, जितेंद्र श्रीवास्तव, प्रियम अंकित, विनोद तिवारी, जितेंद्र गुप्ता, वैभव सिंह, पंकज पराशर को मिल चुका है.
नेतहाट के छात्र, दिल्ली से उच्च शिक्षा
23वां देवीशंकर अवस्थी सम्मान पाने वाले युवा आलोचक अमिताभ राय का जन्म 7 जून, 1980 में बिहार के पटना जिले में हुआ था. उन्होंने स्कूली शिक्षा नेतरहाट आवासीय स्कूल से की है. वे 1995 में मैट्रिक परीक्षा में राज्य स्तर पर सेकेंड टॉपर थे. उन्होंने दिल्ली के प्रतिष्ठित किरोडीमल कॉलेज से हिंदी में आॅनर्स व हिंदी से ही एमए किया. अमिताभ वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय के श्यामलाल काॅलेज में सहायक प्राध्यापक पद पर कार्यरत हैं.
हिंदी आलोचना में विरल कोशिश
गजानन माधव मुक्तिबोध की लंबी कविता ‘अंधेरे में’ की पुस्तककार व्याख्या अभिताभ राय से जतन और संवेदनशीलता से की है. उनकी कोशिश इस क्लासिकल कविता को सभ्यतामूलक दस्तावेज के रूप में देखने-समझने के अलावा, उसकी अंतर्ध्वनियों, आशयों और अभिप्रायों को पकड़ने और उन्हें एक आलोचनात्मक आख्यान में विन्यस्त करने की है. यह कोशिश हिंदी आलोचना में विरल है. अमिताभ राय की पहली कृति खोज और खोज हिंदी अकादमी दिल्ली से प्रकाशन सहयोग योजना के तहत प्रकाशित हुई.
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