जानिए जेल में क्या कर रहे हैं लालू प्रसाद, और घर में क्या कर रही राबडी देवी
पटना : कहते हैं कि पति-पत्नी का रिश्ता सात जन्मों का पवित्र बंधन होता है. दुख-सुख में एक दूसरे का साथ उन्हें सबलता और मजबूती प्रदान करता है. बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के मुखिया व राजद सुप्रीमो लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी का रिश्ता भी काफी खास है. पति-पत्नी राजनीति में सक्रिय हैं. लालू चारा घोटाले में दोषी करार दिये जाने के बाद न्यायिक हिरासत में हैं, वहीं राबड़ी देवी बेनामी संपत्ति के आरोपों से दो-चार हो रही हैं. लालू के जेल जाने का दर्द राबड़ी देवी से ज्यादा कोई नहीं समझ सकता है. लालू भी जेल में अपने समय को कुछ सियासी तरीके से ही गुजार रहे हैं. लालू ने जेल में अपना समय क्रिएटिव तरीके से बीताने का निर्णय लिया है.
जानकारी के मुताबिक रांची के होटवार जेल में लालू यादव को इन दिनों डायरी लिखते देखा जा रहा है. राजनीतिक प्रेक्षक मानते हैं कि लालू अपने जेल में गुजर रहे एक-एक पल को शब्दों का रूप दे रहे हैं. जैसा कि उन्होंने बाहर मीडिया को दिये अपने बयान में यह कह दिया है कि वह किताब भी लिखेंगे और उसमें बहुत बड़ा खुलासा भी होगा. उसी कड़ी में लालू जेल के अंदर बीते हुए पलों को शब्दों के जरिये डायरी पर अभिव्यक्त कर रहे हैं. वैसे लालू के पास गीता समेत कई पुस्तकें भी रखी हुई है, वह इन किताबों का दोपहर में अध्ययन करते हैं. अपने साहेब के जेल जाने से इधर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी काफी चिंतित हैं.
राबडी ने भेजा अरवा चावल
राबड़ी देवी ने लालू के लिए विधायक भोला यादव के हाथों सुगंधित अरवा चावल, अरहर की दाल और घर में तैयार देसी घी भिजवाया है. राबड़ी ने लालू की पसंद की वह सारी खाने वाली चीजों को भेजा है, जो वह पसंद करते हैं. यह सारी चीजें राबड़ी देवी ने लालू प्रसाद की सेहत का ख्याल रखते हुए भेजा है. इतना ही नहीं, इस सामान के साथ राबड़ी देवी ने तीर्थ स्थलों और मंदिर के प्रसाद भी खास तौर पर भेजा है, ताकि ईश्वर की कृपा लालू पर पूरी तरह बनी रहे. लालू के पास अक्सर हरा चना, सीम, पालक- मैथी, बथुआ का साग, स्वीट कॉर्न, धनिया पत्ती और गोल बैगन भर्ता के लिए भेजा जा रहा है ताकि लालू जी का जायका ना बिगड़े.
राजनीतिक वंदियों को मनोबल हुआ बढा
लालू यादव के जेल में जाने से, वहां पहले कैद राजनीतिक बंदियों का मनोबल ऊंचा है और उनके साथ लालू बैठकर दरबार भी लगाते हैं. इस दरबार में जगदीश शर्मा , आरके राणा , झरिया के बीजेपी विधायक संजीव सिंह, पूर्व मंत्री राजा पीटर, कांग्रेस के पूर्व विधायक सावना लकड़ा, आजसू के पूर्व विधायक कमल किशोर भगत सभी साथ बैठकर लालू से राजनीति समझते हैं. वैसे जेल में लालू की एंट्री के बाद साधारण कैदी अब वीआईपी कैदी से नहीं मिल सकते.
अब मजबूत हो चुकी हैं राबडी देवी
पूर्व में जब चारा घोटाला का मामला सामने आने के बाद जब लालू यादव जेल गये तब राबड़ी देवी ने प्रदेश की सत्ता संभाली थी. लालू ने अपनी पार्टी के कद्दावर नेताओं की योग्यता को दरकिनार कर अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सत्ता के लिए माकूल समझा था. राबड़ी देवी को उस वक्त राजनीति का कोई अनुभव नहीं था, लेकिन पति के सबल से राजनीति में कूद चुकी राबड़ी ने सत्ता संभाल लिया. उसके बाद से अब तक राबड़ी सक्रिय राजनीति में लंबा अरसा गुजार चुकी हैं और तमाम उतार-चढ़ाव देख चुकी हैं. उन दिनों में राबड़ी की छवि मानसिक तौर पर मजबूत महिला की बनी. बाद में जब, 30 सितंबर 2013 को लालू यादव जेल गये, फिर भी राबड़ी देवी संभली रहीं और उन्होंने उस साल अकेले छठ व्रत किया और लालू के जेल से बाहर आने की कामना की.
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