हथुआ राज परिवार थाइलैड के दिवंगत नरेश भूमिबोल अदुल्यदेज की तीन दिवसीय श्रद्धांजलि सभा कार्यक्रम का उद्घाटन करने पहुंचे थे सीमावर्ती कुशीनगर में
बिहार कथा न्यूज नेटवर्क
हथुआ/गोपालगंज. प्राचीन हथुआ राज परिवार के सदस्यों को दक्षिण-पूर्व एशियाई देश थाइलैंड में शाही अतिथि बनने का औपचारिक आमंत्रण मिला है। इंडो-थाई मैत्री संबंधों के शांति दूत व भारत-नेपाल स्थित थाई मंदिरों के चीफ एबॉट प्रा बोधिवोंग ने सोमवार को कुशीनगर में हथुआ राज परिवार के वंशज महाराज बहादुर मृगेन्द्र प्रताप साही व महारानी पूनम साही को उक्त थाइलैंड नरेश का शाही अतिथि बनने का आमंत्रण दिया। हथुआ राज परिवार सीमावर्ती कुशीनगर में थाइलैड के दिवंगत नरेश भूमिबोल अदुल्यदेज की तीन दिवसीय श्रद्धांजलि सभा कार्यक्रम का उद्घाटन करने पहुंचा था। जहां थाई मंदिर में सैकड़ो बौद्ध भिक्षुओं की उपस्थिति में राज परिवार का भव्य स्वागत किया गया। गोरखपुर रेंज के डीआईजी नीलाब्ज चौधरी,कसेया एसडीएम एसपी शुक्ला,कुशीनगर बौद्ध भिक्षु संघ के अध्यक्ष संत ज्ञानेश्वर के साथ महाराजा व महारानी ने दिवंगत थाइलैंड नरेश की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया। हिन्दू,मुस्लिम व बौद्ध धर्म के पुजारियों द्वारा दिवंगत नरेश की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गयी। नरेश के कार्यकाल में थाइलैंड के विकास व उपलब्धियों की जानकारी उनकी जीवनी के साथ दी गयी। साथ ही अतिथियों को प्रतीक चिन्ह व चंदन का पौधा दिया गया। इसके अलावा 500 महिलाओं को साड़ी का वितरण व भोज कार्यक्रम भी किया गया। इसके पूर्व मुख्य मंदिर में विधिवत पूजा हथुआ राज परिवार ने चीफ एबॉट व बौद्ध भिक्षुओं के साथ किया। मौके पर हथुआ राज के संजय कुंवर,एसएन शाही,अजीत राय,चंदन कुमार,ऋषिकेश कुमार,संजय ठाकुर,दीपक कुमार,विपिन राय,रंजीत कुमार,श्री प्रकाश,राजू कुमार आदि राज कर्मी थे। कार्यक्रम का
संयोजन अंबिकेश त्रिपाठी ने किया।
हथुआ महाराज ने कहा— थाईलैंड को एक सूत्र में बांधने का काम किया नरेश ने
हथुआ राज के वंशज महाराज बहादुर मृगेन्द्र प्रताप साही ने बताया कि रामा-9 के नाम से पुकारे जाने वाले नरेश चक्री वंश के 9वें राजा थे। लगभग 70 साल तक राज शाही कुर्सी पर आसीन रहे। अदुल्यदेज विभाजित थाइलैंड को एक सूत्र में बांधने के लिए विख्यात रहे। वे थाइलैंड में स्थिरता व एकता के स्रोत रहे हैं। देश को संकट में ले जाने वाले घटना क्रमों में दखल दिया और स्थिति संभाली।
एक वर्ष से अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है नरेश का शव
राजशाही थाई समाज का मुख्य हिस्सा है और नरेश को वस्तुत: भगवान माना जाता है। दुनिया में सबसे लंबे समय तक राज करने वाले थाइलैंड नरेश भूमिबोल अदुल्यदेज का निधन लंबी बीमारी के बाद 13 अक्टूबर 2016 को हो गया था। लेकिन पिछले एक साल से उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए बैंकाक में रखा गया है। आगामी 26 अक्टूबर को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। जिसको लेकर विविध कार्यक्रम का आयोजन कुशीनगर के थाई मंदिर में किया गया। हथुआ राज परिवार द्वारा श्रद्धांजलि सभा में पारंपरिक सैंडल वुड फ्लावर्स सेरेमनी में अर्पित किए गए पुष्प को नरेश के पार्थिव शरीर पर थाइलैंड भेजा गया।
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