जागृति से लेकर आरक्षण तक बॉलीबुड ने शिक्षकों को दमदारी से पेश किया
शिक्षक के किरदार को दर्शकों का सम्मान भी मिला
शिक्षक दिवस 05 सितंबर के अवसर पर
मुंबई.हिंदी फिल्म जगत में अभिनेताओं को शिक्षक के किरदार को हमेशा से दर्शकों का भरपूर प्यार और सम्मान मिलता रहा है क्योंकि शिक्षक के बिना राष्ट्र के विकास की परिकल्पना नहीं की जा सकती। वर्ष 1954 में प्रदर्शित फिल्म जागृति से लेकर हाल में वर्ष हाल के वर्ष में प्रदर्शित फिल्म आरक्षण तक में शिक्षक के दमदार किरदार को रूपहले पर्दे पर पेश किया गया है। व्यक्ति के जीवन में माता-पिता के बाद यदि सर्वाधिक प्रभाव किसी अन्य का होता है तो वह निश्चित रूप से शिक्षक ही है जो माता-पिता की तरह निस्वार्थ भाव से अपने छात्रों को जीवन की कठिनाइयों से लड़ने की राह दिखाता है। वर्ष 1954 में प्रदर्शित फिल्म जागृति संभवत? पहली फिल्म थी, जिसमें शिक्षक और छात्र के रिश्तों को खूबसूरती के साथ रूपहले परदे पर दिखाया गया था। फिल्म में अभि भटृाचार्य ने शिक्षक की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में संगीतकार हेमंत कुमार के संगीत निर्देशन में कवि प्रदीप का रचित और उनका ही गाया गीत “आओ बच्चों तुम्हें दिखाये झांकी हिंदुस्तान की” बेहद लोकप्रिय हुआ था। वर्ष 1955 में राजकपूर के बैनर तले बनी श्री 420 हालांकि प्रेम कथा पर आधारित फिल्म थी लेकिन इसमें अभिनेत्री नरगिस ने ऐसी आदर्श शिक्षिका की भूमिका निभाई थी जो बच्चों को सच्चाई का पाठ पढ़ाती है। इस फिल्म में उनपर फिल्माया यह गीत “इचक दाना बिचक दाना” श्रोताओं मे आज भी लोकप्रिय है।
वर्ष 1968 में प्रदर्शित फिल्म पड़ोसन में हास्य अभिनेता महमूद संगीत शिक्षक की भूमिका में दिखाई दिये थे जो अभिनेत्री सायरा बानो को संगीत सिखाते हैं। वर्ष 1972 में प्रदर्शित फिल्म परिचय में भी शिक्षक और छात्रों के बीच के संबध को बेहद खूबसूरती के साथ दिखाया गया। फिल्म में जितेन्द्र ऐसे शिक्षक की भूमिका में थे जो एक घर में बच्चों को पढ़ाने के लिये नियुक्त किये जाते है लेकिन बच्चें अपनी शैतानी से उन्हें अक्सर परेशान करते है जितेन्द्र हिम्मत नहीं हारते और वह अंतत? सभी बच्चों को सही राह पर ले आते है। वर्ष 1974 में प्रदर्शित फिल्म इम्तिहान में शिक्षक और छात्रों के बीच की राजनीति को रूपहले पर्दे पर दिखाया गया। इस फिल्म में विनोद खन्ना ने प्रोफेसर की भूमिका निभायी जो छात्रों को सीधे रास्ते पर चलने के लिये प्रेरित करते है। महानायक अमिताभ बच्चन ने कई फिल्मों में शिक्षक की भूमिका निभाई। इन फिल्मों में संजय लीला भंसाली की फिल्म ब्लैक खास तौर पर उल्लेखनीय है। फिल्म में अमिताभ बच्चन ऐसे सनकी शिक्षक की भूमिका में दिखाई दिये जो मानसिक रूप से विक्षिप्त लड़की को पढ़ाने के लिये नियुक्त किये जाते हैं। फिल्म ब्लैक के अलावा अमिताभ बच्चन ने चुपके चुपके, कस्मे वादे और दो और दो पांच जैसी फिल्मों में भी शिक्षक की भूमिका निभाई है। वर्ष 2011 में प्रदर्शित फिल्म “आरक्षण” में भी अमिताभ बच्चन ने शिक्षक के किरदार को रूपहले पर्दे पर पेश कियाहै।अमिताभ के अलावा इस फिल्म में सैफ अली खान, प्रतीक बब्बर, दीपिका पादुकोण और मनोज वाजपायी भी बच्चों को पढ़ाते नजर आते हैं। वर्ष 1975 में ऋषिकेष मुखर्जी निर्देशित फिल्म “चुपके चुपके” में अमिताभ बच्चन और धमेन्द्र ने शिक्षक की भूमिका निभाई थी। दिलचस्प बात है निर्देशक ने दोनो कलाकारो को उनकी एक्शन छवि से निकालकर उन्हें शिक्षक के किरदार के रूप में पेश किया और उन्होंने दर्शको को मंत्रमुग्ध कर दिया।जब कभी हास्य फिल्म की चर्चा की जायेगी तो फिल्म चुपके चुपके का नाम अवश्य लिया जायेगा। वर्ष 1978 में प्रदर्शित फिल्म “कस्मे वादे” में अमिताभ बच्चन ने दोहरे किरदार निभाये जिसमें से एक में वह शिक्षक की भूमिका में दिखाई दिये थे । इसके अलावा वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म दो और दो पांच में उन्होंने अभिनेता शशि कपूर के साथ शिक्षक की भूमिका निभाई और अपने कारनामों से दर्शकों को हंसाते हंसाते लोटपोट कर दिया। हिंदी फिल्म में संवाद अदायगी के बेताज बादशाह राजकुमार ने फिल्म बुलंदी में शिक्षक के चुनौतीपूर्ण किरदार को रूपहले पर्दे पर साकार किया। आपराधिक पृष्ठभूमि पर वर्ष 1981 में प्रदर्शित इस फिल्म में राजकुमार कॉलेज के ऐसे शिक्षक के किरदार में दिखाई दिये जो अपराध की दुनिया के सरगना के पुत्र को सही रास्ते पर चलने के लिये प्रेरित करते है और तमाम अड़चनो के बावजूद उन्हें सही रास्ते पर ले ही आते हैं। बॉलीवुड के किंग खान ने भी कई फिल्मों में शिक्षक के किरदार को रूपहले पर्दे पर साकार किया है। वर्ष 1992 में प्रदर्शित फिल्म “चमत्कार” में शाहरूख खान ने कॉलेज के क्रिकेट कोच की भूमिका निभाई थी। इसके बाद वर्ष 2000 में प्रदर्शित फिल्म “मोहब्बते” में उन्होंने संगीत शिक्षक के किरदार निभाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वर्ष 2006 में प्रदर्शित फिल्म चक दे इंडिया में भी शाहरूख खान ने हॉकी कोच शिक्षक की भूमिका में दिखाई दिये। यह किरदार किसी भी अभिनेता के लिये चुनौती भरा हो सकता था लेकिन शाहरूख खान ने इस किरदार को सधे हुये अंदाज से निभाकर दर्शको का दिल जीत लिया और फिल्म को सुपरहिट बना दिया । वर्ष 2007 में प्रदर्शित फिल्म “तारे जमीन पर” में आमिर खान ने शिक्षक की भूमिका निभाई थी। फिल्म की कहानी डिस्लकसिस बीमारी से ग्रस्त एक बच्चे पर आधारित थी। फिल्म की कहानी आमिर खान को इतनी अधिक पसंद आई कि उन्होंने न सिर्फ इस फिल्म में अभिनय किया बल्कि इसका निर्माण और निर्देशन भी किया । नायको की तरह ही बालीवुड की कई अभिनेत्रियां भी शिक्षक के सशक्त किरदार को फिल्मी दुनिया के रूपहले पर्दे पर सफलता पूर्वक निभा चुकी है। इन अभिनेत्रियों मे ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी ने दिल्लगी, दो और दो पांच में, साधना ने असली नकली, सिम्मी ग्रेवाल ने मेरा नाम जोकर, राखी ने तपस्या, शर्मिला टैगोर ने सफर, सुजाता मेहता ने प्रतिघात, गायत्री जोशी ने स्वदेश में शिक्षक के किरदार को निभाकर दर्शको की वाहवाही लूटी है।
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