गोपालगंज : गंडक नदी के कटाव बेकाबू
* पांच सौ परिवारों के घर उजड़ने का खतरा
* बाढ पिड़ितो मे दहशत का महौल
गोपालगंज :— जिले के गंडक नदी के कटाव भसही गाव मे दिन पर दिन बिगड़ती ही जा रही है । गंडक नदी ने अपना उग्र रूप अख्तियार कर ही लिया है । आठ गांवों को उजाड़ने के बाद गंडक नदी अब निर्माणाधीन बांध के लिए खतरा बन गया है । जब बांध की बात आयी है, तो विभाग की धोरी बेचैनी बढ़ी है । जिले के गंडक नदी की धारा दिनो दिन उग्र होती जा रही है । गंडक नदी के अटैक होने के कारण अब तक आठ गांव उजड़ गये हैं । नदी अहिरौलीदान विशुनपुर के बीच बनाये जा रहे गाइड बांध तक पहुंच गयी है । गंडक नदी के तेज कटाव से ग्रामीण सहमे हुए है । ग्रामीणों का मानना है कि जिस रफ्तार से कटाव हो रहा उससे अब दिखने लगा है कि दो चार दिनों में बांध भी गंडक नदी के गोद मे समा जायेगा । बांध से महज ढाई सौ मीटर दूर गंडक नदी का कटाव तेजी से हो रहा है । तीन दिन पहले गंडक नदी एक हजार मीटर दूर था । गंडक नदी के कटाव को देखकर बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभियंताओं के होश उड़ गये हैं । अधीक्षण अभियंता ने मौके पर पहुंच कर स्थिति को देखने के बाद तत्काल बोल्डर से बचाव कार्य शुरू करने का निर्णय लिया है । यहां तक की आनन-फानन में अभियंता गिरजा शंकर मौर्य, टीपी सिंह, अनिल कुमार पहुंच कर संवेदकों के साथ बचाव कार्य की तैयारी में जुट है । यहां बोल्डर गिराने का काम तेज हो गया है । बांध को बचाने के लिए बोल्डर से आइरन कैरेट डाल कर इसे बचाने की कोशिश हो रही है । यह कोशिश कितनी कामयाब होगी, यह तो वक्त बतायेगा, लेकिन विभाग इस तरह की कोशिश गांव को बचाने के लिए की होती, तो शायद यहां के पांच सौ परिवार विस्थापित नहीं होते ।
* आज भी बाढ पीडीत पॉलीथिन के निचे काट रहे जिंदगी :—
जिले के कुचायकोट प्रखंड मे आये भीषण बाढ ने कितने लोगो को घर से बेघर कर दिये । गंडक नदी के कटाव ने जिले के छह प्रखंड मे कहर मचाये हुए है। गंडक नदी का कटाव का कहर कम होने के नाम नही ले रहा है । गंडक नदी के कहर से बेघर हुए लोगो के कट रही पॉलिथिन के निचे जिन्दगी । जिले के छह प्रखंड मे बाढ के कहर से अमीरी गरीबी का भेद भाव खतम हो गया है । जिले के बाढग्रस्त इलाके के हजारो लोगो के परिवार पॉलिथिन के निचे गुजर कर रहे है । बहुत एसे परिवार है जिसके को प्रशासन के तरफ से इन्हे दो मीटर पॉलिथिन भी नसीब नही हुए है । कुचायकोट के कलामटिहनिया , विशंभरपुर , भसही , भसही गाव के उन परिवारो की जो अपने घर को अपने से ही तोडकर विस्थापित हो गये है । बाढ से प्रभावित ग्रामीणो को अब सूरज के तेज धूप से बेहाल हो रहे है । सुबह से लेकर शाम तक धुप और बारीश से बचने का कोइ रास्ते नही सूझ रहा है । एसे मे इन परिवार पे संकट समाप्त होने का नाम नही ले रहा है ।
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