गोपालगंज : बारिश नहीं होने से धान की फसल सुखे
* बारिश नही होने से नही हो पाए सब्जी कि फसल
गोपालगंज :- जिले मे एक तरफ बाढ ने अपना कहर मचाया है। जिले के छह प्रखंड पुरी तरह बाढ से क्षतिग्रस्त हो गया है । वही दुसरी तरफ आठ प्रखंड मे बारिश नही होने से किसानो के फसल बरबाद हो गयी है । जिले के मौसम की मार से किसानों में अब निराशा फैलने लगी है। भादो महीने में जरुरत के अनुरूप बारिश नहीं होने से धान के पौधे की बढ़वार रुक गई है। सब्जियों के पौधे में न फल आ रहे है और ना ही फूल। ऐसे में अगर दो-चार दिन में बारिश नहीं हुई तो धान के साथ साथ सब्जी की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाने की आशंका साफ दिखने लगी है।किसान कहते हैं कि लगातार तीन सीजन से वे लोग मौसम की मार झेल रहे हैं। लेकिन इस बार का संकट पहले से कहीं अधिक है। वे कहते हैं कि सिंचाई के बूते अगर फसल बचाई गई तो बढ़ी लागत के अनुसार पैदावार नहीं होगी। बारिश नहीं होने से धान की फसल को काफी क्षति हो चुकी है। निजी संसाधन से सिंचाई कर धान को बचा लेना आम किसानों के बस की बात नहीं है। हालांकि सिपाया कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक कहते हैं कि बारिश नहीं होने से धान की फसल को नुकसान तो हो रहा है। लेकिन अभी आठ प्रखंड में सूखे की स्थिति पैदा हो गई है। लगातार बारिश नहीं होने के कारण बाढ़ के बाद शेष बचे इलाकों में सुखाड़ की स्थिति पैदा हो गई है। खेत में धान सूख रहे हैं और सिंचाई के तमाम सरकारी साधन बेकार पड़े हैं। ऐसे में अगर दो-चार दिन में बारिश नहीं हुई तो धान की फसल को बचाना मुश्किल हो जाएगा । गरीब किसानो को फसल के पैदावार के लेकर चिंतित है । लेकिन फिलहाल बहुत क्षति नहीं हुई है। अलबत्ता अगर कुछ दिन और बारिश नहीं हुई तो धान की फसल को क्षति तय है। वे किसानों को सलाह देते हुए कहते हैं कि सिंचाई कर खेतों में नमी बनाए रखें। इस बीच अगर बारिश हो गई तो पौधे में फिर से जान आ जाएगीउ।
* सब्जी कि फसल पर भी मौसम की मार :—-
सब्जी की फसलों पर भी मौसम की मार पड़ गई है। किसान कहते हैं कि खेतों में लौकी, करेला, नेनुआ और बैगन लगाए गए हैं। कुछ किसानों ने गोभी, टमाटर और हरी मिर्च की नर्सरी भी डाल रखी है। लेकिन बारिश नहीं होने से सब्जी की फसल में फल कम आ रहे हैं। कुछ फल आ भी रहे है तो साइज के अनुसार नही आ रहे है। उमस के कारण जमीन पर फैली लताएं और उनमें लगे फलों में सड़न आने लगी है। वे कहते हैं कि कीड़ों का प्रकोप भी बढ़ गया है।
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