बिहार में काफी अहम होंगे अगले 36 घंटे
नीतीश और लालू ने बुलाई पार्टी नेताओं की बैठक, नीतीश की चुप्पी का खुलेा राज
नरेंद्र नाथ,
नई दिल्ली. बिहार की सियासत में जारी लगातार उठापठक के बीच अगले 48 घंटे अहम होने वाले हैं। अगले दो दिनों में इस बात के संकेत मिल जाएंगे कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों पर लगे करप्शन के आरोपों के बाद महागठबंधन की सरकार में नीतीश कुमार का रुख क्या रहेगा। इसके अलावा यह भी साफ हो जाएगा कि आरजेडी इस मुद्दे को किस तरह आगे ले जाएगी। बदले हालात पर विचार के लिए दोनों दलों ने मीटिंग बुलाई है।
ज्ञात हो कि सोमवार को लालू प्रसाद अपने दल के सभी नेताओं के साथ मिलकर मीटिंग करेंगे तो मंगलवार को नीतीश कुमार अपनी पार्टी के नेताओं के साथ मीटिंग करेंगे। सूत्रों के अनुसार दोनों दलों में ताजे घटनाक्रम को लेकर बेचैनी है। इस मीटिंग के बाद वे तमाम मुद्दों पर अपना स्टैंड रख सकते हैं, जिससे बिहार की राजनीति में सियासी उबाल आ सकता है। रेलवे से जुड़े एक घोटाले के आरोप में सीबीआई ने लालू प्रसाद और उनके बेटे और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सहित परिवार के दूसरे सदस्यों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस घटना पर अब तक बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने अभी तक कोई बयान नहीं दिया है।
लालू होंगे आक्रामक
आरजेडी सूत्रों के अनुसार, सोमवार को मीटिंग में लालू प्रसाद और आक्रामक तरीके से सामने आ सकते हैं। पार्टी की तरफ से लालू प्रसाद और उनके परिवार के साथ मजबूती से खड़ा होने के औपचारिक एलान करने के बाद लालू प्रसाद जल्द ही अपने अगले कदम का एलान कर सकते हैं। लालू प्रसाद इस प्रकरण को 27 अगस्त को उनकी ओर से विपक्ष की संयुक्त रैली को विफल करने की मोदी सरकार की साजिश के रूप में पेश करेंगे। साथ ही पार्टी औपचारिक तौर पर तेजस्वी के इस्तीफा देने की किसी प्रकार की संभावना को खारिज करेगी। कांग्रेस ने लालू प्रसाद को अपना पूरा सपोर्ट देने का ऐलान किया है।
नीतीश की चुप्पी का राज खुलेगा?
लालू प्रसाद-तेजस्वी यादव पर सीबीआई छापे के बाद कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने उन्हें सपोर्ट दिया, लेकिन जेडीयू ने अब तक इस मुद्दे पर अब तक कोई बयान नहीं दिया। नीतीश कुमार पटना से लगभग 80 किलोमीटर दूर राजगीर में तीन दिन तक आराम किया। उन्होंने अपने सभी नेताओं को इस मुद्दे पर नहीं बोलने की हिदायत भी दी। उनकी खामोशी से सस्पेंस और बढ़ा। यह घटनाक्रम राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर नीतीश का विपक्ष एकता से अलग होकर एनडीए उम्मीदवार को वोट देने के फैसले के तुरंत बाद सामने आ रहा है।
पार्टी के एक नेता ने माना कि स्थिति उलझी हुई है और 11 जुलाई को तस्वीर साफ हो पाएगी। सूत्रों के अनुसार, नीतीश कुमार महागठबंधन की सरकार बनी रहे और उनकी छवि पर कोई असर नहीं पड़े, इसके लिए कोई बीच का रास्ता खोजने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या तेजस्वी त्यागपत्र देंगे?
विपक्षी दल डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर सीबीआई की छापेमारी के बाद उनसे लगातार इस्तीफा मांग रहे हैं। ऐसे में क्या मंगलवार को नीतीश कुमार उनसे इस्तीफा मांगेंगे या नहीं, इस बारे में सियासी अटकल भी जारी हैं। सूत्रों के अनुसार, नीतीश कुमार अंतिम चार्जशीट दाखिल होने तक इस्तीफा नहीं मांगेगे, लेकिन बेनामी संपत्ति के मुद्दे पर लग रहे तमाम आरोपों पर वह अपनी नाखुशी जाहिर कर सकते हैं। जेडीयू सूत्रों के अनुसार, बेनामी संपत्ति के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने वाले नीतीश कुमार इन मुद्दों पर स्पष्ट राय रख सकते हैं। इसके बाद सियासत में घटनाक्रम तेजी से बदल सकता है।
क्या लालू परिवार में किसी की गिरफ्तारी होगी?
वहीं सियासी हलकों में इस बात को भी लेकर उत्सुकता है कि बेनामी संपत्ति का मामला हो या रेलवे का नया मामला, इन दोनों में जांच एजेंसी लालू प्रसाद के परिवार मेंबरों को गिरफ्तार भी कर सकती है। ईडी और सीबीआई सूत्रों ने संकेत दिया कि पूछताछ के लिए इनमें से कुछ मेंबर को गिरफ्तार करने का विकल्प खुला है। (नवभारत टाइम्स से साभार)
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