पीएम बनने लायक काबिलियत मुझमें नहीं, कांग्रेस पहले अपना एजेंडा तो बताए : नीतीश कुमार
पटना. ब्यूरो. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम लगातार इस बात की वकालत करते रहे हैं कि विपक्षी एकता ही नहीं, वैकल्पिक एजेंडा तय होना चाहिए. हमारा एजेंडा क्या है जनता के सामने रखना चाहिए. तभी वह प्रभावकारी होगा. अकेले हम सिर्फ एकता या चेहरे की बात करें वह उतना प्रभावकारी नहीं होगा. सिर्फ एकता की बात करने से काम नहीं चलता है. राष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ गठबंधन बनाने से कुछ नहीं होगा. उन्होंने यह भी कहा कि 2019 में मैं विपक्ष का पीएम पद का दावेदार नहीं हूं, लेकिन कांग्रेस को एक एजेंडा तय करना चाहिए. नीतीश ने साफ किया कि हमारा असल उद्देश्य वादों को लागू करना है. उन्हें प्रधानमंत्री पद की कोई लालसा नहीं है.
उन्होंने आगे कहा कि जब पी चिदंबरम ने अपनी किताब के विमोचन पर बुलाया तो पैनल डिसकशन के बारे में हमें पता भी नहीं था. उसमें भी हमसे पूछा गया तो हमने स्पष्ट कहा एजेंडा तय करें. विपक्ष की मजबूती के लिए जरूरी है कि हम अपने एजेंडे को आगे बढ़ाएं. सत्ता पक्ष के किए कामों पर प्रतिक्रिया दें, वह हमारा धर्म है, लेकिन उससे ज्यादा वक्त वैकल्पिक एजेंडा बनाने पर देना होगा. मैंने चिदंबरम के कार्यक्रम में राहुल गांधी से भी कहा था कि आप बड़ी पार्टी हैं, एजेंडा तय करें. सिर्फ बोलने या प्रतिरोध से कुछ नहीं होता, उसका विकल्प क्या है, ये बताना चाहिए. जहां तक राष्ट्रपति चुनाव की बात है तो अलग-अलग पार्टी के अलग-अलग विचार होते हैं. हमारा विचार उनसे अलग था. कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के मामले को इस कदर तूल दिया गया कि किसानों का मुद्दा पीछे छूट गया. इस मुद्दे को पीछे नहीं छूटना चाहिए था.
जीएसटी की हिमायत पर उन्होंने कहा कि इस पर यूपीए के समय से काम हो रहा है. हम पहले से ही उसकी हिमायत करते रहे हैं. एक टैक्स से इस व्यवस्था को चलाना आसान होगा. इससे टैक्स चोरों पर लगाम लगेगी. हम इसके पक्ष में हैं.
किसी के पिछलग्गू नहीं
इससे पूर्व नीतीश कुमार ने कांग्रेस से साफ शब्दों में कह दिया था कि वे किसी के पिछलग्गू नहीं हैं. नीतीश कुमार ने रविवार को पटना में राज्य कायर्कारिणी के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि कोई गलतफहमी में न रहे कि वे किसी के पिछलग्गू हैं. वे सहयोगी हैं और सहयोगी की तरह रहेंगे. नीतीश कुमार ने कांग्रेस के नेताओं से साफ शब्दों में कहा कि खुशामद करना उनकी फितरत में शामिल नहीं है. नीतीश इन दिनों कांग्रेस से खफा चल रहे हैं. खासकर नीतीश की नाराजगी कांग्रेस के महासचिव गुलाम नबी आजाद के उस बयान को लेकर है कि नीतीश एक विचारधारा नहीं, बल्कि कई विचार धारा के नेता हैं. आजाद का यह बयान राष्ट्रपति चुनाव को लेकर दिया गया था.
नीतीश कुमार की कही खास बातें
-पार्टी के अंदर जो बात बताई जाती है वो अंदरुनी चीज
-वैकल्पिक एजेंडा क्या है ये जनता को बताना चाहिए
– मैं साझा मोर्चे का चेहरा नहीं हूं, 2019 में पीएम पद का दावेदार नहीं
– मोर्चे के लिए वैकल्पिक एजेंडा तय हो
– हमारा एजेंडा साफ रहा है, इसलिए बिहार चुनाव जीते
– जीएसटी यानी एक टैक्स की व्यवस्था से देश को फायदा होगा
– सुशील मोदी बयान देते रहते हैं उसमें कोई दिलचस्पी नहीं
– बिहार में गठबंधन अटूट है
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